राजनीतिक फिल्मों पर विवाद फिलहाल कंगना रनौत की आने वाली फिल्म इमरजेंसी को लेकर नया विवाद गरमा गया है | इमरजेंसी के काले अध्याय पर आधारित ये फिल्म सेंसर बोर्ड में फंस गई और इसकी रिलीज अभी डेट टाल दी गई |
विवादों में आया पॉलिटिकल ड्रामा इमरजेंसी
कंगना रनौट की मूवी पर शुरू हुई राजनीति
इन मूवीज पर भी गर्मायी सियासत
एंटरटेनमेंट न्यूज , नई दिल्ली। राजनीति और सिनेमा दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां हाई-टेंशन ड्रामा अपेक्षित है। राजनीतिक एजेंडे के साथ फिल्में बनाने का चलन इंडस्ट्री में काफी पुराना है। नया नाम कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी से जुड़ गया है। लेकिन भारी विवाद के चलते ये फिल्म रिलीज होने से पहले ही डिले हो गई.
हालाँकि, कंगना रनौत की इमरजेंसी राजनीतिक शोर के कारण विलंबित होने वाली पहली फिल्म नहीं है। इससे पहले भी हिंदी सिनेमा में कई ऐसी फिल्में आईं, जो राजनीति का शिकार हुईं और राजनेताओं को पसंद नहीं आईं।
किस्सा कुर्सी का
शबाना आजमी, राज बब्बर और सुरेखा सीकरी जैसे कलाकारों से सजी फिल्म किस्सा कुर्सी एक विवादित राजनीतिक ड्रामा साबित हुई थी। यह फिल्म 1974 में डायरेक्टर अमृत नाहटा के निर्देशन में बनकर तैयार हुई थी. लेकिन 1975 की इमरजेंसी के चलते इसकी रिलीज टाल दी गई.
आपातकाल के दौरान तत्कालीन सरकार ने इस फिल्म को देखा और इसमें बदलाव के लिए कहा. उनके प्रिंट भी जब्त कर लिए गए. किसी तरह किस्सा कुर्सी का 1978 में रिलीज हुई थी. लेकिन राजनीतिक व्यंग्य के तौर पर इस फिल्म की काफी चर्चा हुई थी.
आँधी
आपातकाल के दौरान संजीव कुमार और सुचित्रा सेन की फिल्म आंधी भी रिलीज के लिए तैयार थी। लेकिन निर्देशक गुलजार की इस फिल्म पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पति के बीच संबंधों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगा था. हालाँकि, 1977 में जब इंदिरा सरकार गिरी तभी आँधी की रिहाई का रास्ता खुला।
ब्लैक फ्राइडे
गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी कई बेहतरीन फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने ब्लैक फ्राइडे नाम की फिल्म बनाई है। इस फिल्म में 1993 में मुंबई में हुए आत्मघाती धमाकों की कहानी दिखाई गई थी। इस फिल्म की रिलीज को लेकर काफी हंगामा हुआ था और 2004 में मुंबई हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। इसके बाद ये फिल्म 2007 में ही रिलीज हुई.
फिराक
2002 के गुजरात दंगों की कहानी कई फिल्मों में दिखाई जा चुकी है। लेकिन नंदिता दास स्टारर फिराक ने इस मुद्दे पर खूब सुर्खियां बटोरी हैं. कई संगठनों के कड़े विरोध के कारण इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने साल 2008 में बैन कर दिया था. बाद में 2009 में फिराक बड़े पर्दे पर रिलीज हुई. नंदिता के अलावा एक्टर परेश रावल औरनसीरुद्दीन
शाह फिल्म का अहम हिस्सा थे.
इंदु सरकार
कंगना रनौत की इमरजेंसी से पहले डायरेक्टर मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार मतलब 1975 की इमरजेंसी के दौर की कहानी बड़े पर्दे पर दिखाई गयी थी. इस फिल्म को लेकर खूब राजनीतिक रोटियां सेंकी गई हैं. कांग्रेस पार्टी ने फिल्म का कड़ा विरोध किया . हालाँकि, इंदु सरकार की रिलीज़ डेट नहीं टाली गई और यह 2017 में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई।
पद्मावत
डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की हिट फिल्म पद्मावत की रिलीज को लेकर काफी चर्चा हुई थी। करणी सेना ने तो इस फिल्म का जमकर विरोध किया | इस बढ़ते विवाद को देखते हुए न्यायालय ने इस फिल्म की रिलीज को करीब एक महीने के लिए टाल दिया था . यह फिल्म 1 दिसंबर 2017 के बाद 25 जनवरी 2018 को रिलीज हुई थी. बाद में फिल्म के टाइटल के साथ-साथ कुछ सीन भी बदले गए थे.
आपातकालकंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी 6 सितंबर को बड़े पर्दे पर रिलीज होने वाली थी . लेकिन इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी नहीं दी थी और आपातकाल को लेकर सिख समुदाय के कुछ सदस्यों की ओर से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
यह आरोप है कि इस फिल्म में सिख समुदाय की छवि गलत तरीके से पेश हुआ है. फिलहाल अभी इमरजेंसी की रिलीज डेट अनिश्चित काल के लिए टाल दी गई है.
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