यह खबर आपके काम की है. जी हां, जुलाई में पेश बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से की गई घोषणा को लागू करने के लिए सीबीडीटी (CBDT) ने नया फॉर्म 12BAA जारी किया है.
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट / Finance News / TDS New Rule: अगर आप सैलरीड क्लास से ताल्लुक रखते हैं और आपका भी हर महीने टीडीएस (TDS) कटता है तो यह खबर आपके काम की है. TDS का New नियम सामने आ गया है | जी हां, जुलाई में पेश बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से की गई घोषणा को लागू करने के लिए सीबीडीटी (CBDT) ने नया फॉर्म 12BAA जारी किया है.
इसमें सैलरी से कटने वाले टीडीएस (TDS) और टीसीएस (TCS) को एडजस्ट करने की बात कही गई थी. इस फॉर्म का उपयोग कर्मचारियों की तरफ से नियोक्ताओं को अपनी सैलरी के अलावा अन्य सोर्स से टैक्स कटौती की जानकारी देने के लिए किया जाएगा. इसके तहत एफडी, बीमा कमीशन, इक्विटी शेयरों से डिविडेंड और कार खरीदने आदि की जानकारी दी जा सकेगी.
सैलरी से होने वाली टैक्स कटौती को कम किया जा सकेगा
एम्पलायर आमतौर पर कर्मचारी की तरफ से की गई निवेश की घोषणा के आधार पर सैलरी से टीडीएस (TDS) काट लेते हैं. टैक्स कटौती के लिए निवेश और खर्च को ध्यान में रखा जाता है. लेकिन एम्पलायर कर्मचारी की तरफ से अन्य चीजों के लिए दिये गए टैक्स को एडजस्ट नहीं करते थे. लेकिन अब नियोक्ता को यह देखना जरूरी होगा कि कर्मचारी ने अन्य जगहों पर कितना टैक्स दिया है, उसी हिसाब से कर्मचारी की सैलरी से टीडीएस काटा जा सकेगा.
नए फॉर्म के जरिये कर्मचारी अपने एम्पलायर को TCS और TDS कटौती की जानकारी देकर अपनी सैलरी से होने वाली टैक्स कटौती को कम कर सकता है. इससे कर्मचारी को खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा मिल सकेगा और उनकी सेविंग की आदत बढ़ेगी. CBDT ने 15 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी कर नया फॉर्म जारी किया है.
1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी हुआ नया नियम
नियोक्ता को अन्य मद में टीसीएस और टीडीएस कटौती के बारे में जानकारी देने से जुड़ा कानून 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी हुआ है. अब कर्मचारी अपने एम्पलायर को आमदनी के अन्य सोर्स से काटे गए टीडीएस के बारे में जानकारी दे सकता है. टीडीएस से जुड़ा नया फॉर्म जारी होने के बाद टैक्स मामलों के एक्सपर्ट आशीष मिश्रा का कहना है कि इसके लागू होने के बाद यदि कोई कर्मचारी सैलरी से कटने वाले टैक्स को कम करना चाहता है और टेक-होम बढ़ाना चाहता है तो वह फॉर्म 12BAA के जरिये अपने एम्पलायर को किसी अन्य इनकम सोर्स से काटे गए टैक्स के बारे में जानकारी दे सकता है.
नया फॉर्म 12BAA, फॉर्म 12BB की ही तरह है जिसका यूज कर्मचारी नियोक्ता को निवेश से जुड़ी घोषणा करने के लिए करता है.आयकर के नियमों के अनुसार किसी एम्पलायर को आयकर अधिनियम के सेक्शन 192 के तहत कर्मचारी को भुगतान की गई सैलरी से टैक्स काटना होगा. टैक्स कर्मचारी की तरफ से चुनी गई टैक्स रिजीम के आधार पर काटा जाएगा.
कर्मचारी ओल्ड या न्यू टैक्स रिजीम में से किसी को भी सिलेक्ट करने के लिए स्वतंत्र है. ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत कोई भी व्यक्ति सेक्शन 80C, 80D, एचआरए (HRA), लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) आदि आदि के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकता है. इसके अलावा न्यू टैक्स रिजीम सैलरी से TDS को कम करने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन और NPS अकाउंट में योगदान की अनुमति देता है.