जब किसी चीज को पाने की चाहत जुनून बन जाये तो, पूरी कायनात लग जाती है | यह बात नदेसर मारूफपुर निवासी आसिफ अली बिल्कुल सटीक बैठती है।
बेहद गरीब परिवार से संबंध रखते हैं आसिफ़, पिता हैं बस कंडक्टर
राकेश यादव रौशन / Purvanchal News Print / मारूफपुर / चंदौली। जब किसी चीज को पाने की चाहत जुनून बन जाये तो, पूरी कायनात लग जाती है उसे पूरा कराने में। यह बात नदेसर मारूफपुर निवासी Asif Ali बिल्कुल सटीक बैठती है। कड़ी मेहनत और बेहद गरीबी के बावजूद NEET जैसी कठिन परीक्षा को अपने दूसरे ही प्रयास में पास कर यह साबित कर दिया कि प्रतिभा अमीरी की मोहताज़ नहीं होती।
आसिफ के पिता नसीम अहमद एक बस कंडक्टर हैं, जिनको एक लड़की और तीन लड़के हैं। आसिफ इनमे सबसे छोटे हैं। प्राथमिक शिक्षा गांव से प्राप्तकर उच्च शिक्षा के लिए अलीगढ़ से पास किया। फिर नीट की तैयारी के लिए तीन साल तक दिल्ली में रहे। पहले प्रयास में असफलता हाथ लगने पर मेहनत कड़ी कर दी और दिसंबर 2024 की नीट परीक्षा पास कर ली।
आसिफ ने बताया कि मेरा सपना है कि एक सफल डॉक्टर बनकर दीन दुखियों की सेवा करूँ। क्योंकि एक बार मेरी माँ का ईलाज पैसे के अभाव में नहीं हो पाया था। आसिफ़ के नीट की परीक्षा में चयनित होने पर रहमत शेख, तस्लीम खान, कमरुज्जमा, रविन्द्र यादव, बीडीसी राजेश यादव, ज्ञानी जैल सिंह प्रधान, समाजसेवी साहब लाल यादव, डॉ. नदीम अशरफ़, डॉ. राजेश निषाद आदि लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।