नई बाजार में संचालित अवैध अस्पताल पर सीज की कार्रवाई में एक सप्ताह भी नहीं बीता कि संचालक द्वारा ताला खुलने का दावा किया जाने लगा है।
सीज किये अस्पताल का ताला खुला तो एक बार फिर मरीजों का इलाज के नाम पर शुरू हो जाएगा शोषण
सकलडीहा , चंदौली/ पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट : नई बाजार में संचालित अवैध अस्पताल पर सीज की कार्रवाई में एक सप्ताह भी नहीं बीता कि संचालक द्वारा ताला खुलने का दावा किया जाने लगा है। सूत्रों की बातें सच मानें तो अगर यह स्थिति बनी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चलायी जा रही भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस नीति को कितना धक्का लगेगा ? दरअसल, यहां यह आरोप रहा कि आरपी एक्ट यूनानी दवाखाना के पंजीकरण पर संचालित इस अस्पताल में मरीजों का जमकर शोषण किया जाता रहा है।
अब देखना यह है कि जनपद के अधिकारियों की कार्रवाई क्षेत्रवासियों के हित में कितनी कारगर साबित होती है। बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन द्वारा नई बाजार में संचालित अवैध अस्पताल को सीज करने के बाद आगे क्या कार्रवाई की है और संचालक का यह कैसा दावा है!
बता दें कि जनपद में स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे ही अवैध चिकित्सालयों द्वारा मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। ऑपरेशन व गम्भीर बीमारियों के इलाज का बोर्ड लगाकर तमाम ऐसे अस्पताल संचालित किये जा रहे हैं। जहां पंजीकृत चिकित्सक कभी उपलब्ध नहीं होते हैं , लेकिन बोर्ड पर उनका नाम अंकित कर अस्पताल संचालित किए जाते हैं।
इन अवैध अस्पतालों के संचालक किसी बड़े अस्पतालों में कंपाउंडर के रूप में कार्य कर अपना अस्पताल खोल ले रहे हैं और मरीजों की ज़िन्दगी से खिलवाड़ करते हुए इलाज के नाम पर बड़ी धन उगाही कर रहे हैं। नई बाजार स्थित दुआ व दवा के बल पर लकवा का इलाज करने वाले चर्चित अस्पताल की तमाम शिकायतों के बाद एसडीएम ने कार्रवाई तो की, लेकिन चर्चा यह है कि अस्पताल संचालक शीघ्र ताला खुलने का दावा भी कर रहा है।
शिकायतकर्ताओं का यह मानना है कि अधिकारियों ने सीज किये अस्पताल का ताला खुला तो एक बार फिर मरीजों का इलाज के नाम पर शोषण शुरू हो जाएगा। जबकि अधिकारियों की कार्रवाई ऐसी हो कि बिना किसी डिग्री के दुकान चलाने वाले मनबढ़ लोगों को सबक मिल सके ।