ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने कहा कि आरएसएस-बीजेपी की राजनीति के खिलाफ जनमुद्दों पर जन गोलबंदी समय की ज़रूरत है |
मुख्य बातें :-
एआईपीएफ नेता अजय राय बोले - सपा पर आरएसएस व भाजपा की लोकतंत्र विरोधी आक्रमक राजनीति के खिलाफ जन मुद्दे लेकर नहीं निभा रहीं कारगर भूमिका
रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज के गरीब तबकों, दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर जन गोलबंदी के लिए एक बड़े अभियान की प्रदेश में जरूरत ह
चंदौली / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट : ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट द्वारा लखनऊ में प्रदेश कार्य समिति की बैठक से लौटने के बाद राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भारतीय जनता पार्टी की राजनीति के खिलाफ जन मुद्दे पर जन गोलबंदी वक्त की जरूरत है | वहीं इनके लोकतंत्र विरोधी आक्रामक राजनीति के विरुद्ध विपक्ष खासकर सपा, जो विपक्ष की सबसे मजबूत राजनीतिक ताकत है, जन मुद्दों के अभाव में कारगर भूमिका नहीं निभा पा रही है।
बैठक में बातें आयी की प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की गिरावट जारी है और कांग्रेस का भी पुनर्जीवन नहीं दिख रहा है। ऐसी स्थिति में बातचीत में यह पाया गया कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज के गरीब तबकों, दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर जन गोलबंदी के लिए एक बड़े अभियान की प्रदेश में जरूरत है।
उन्होंने कहा कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और अनुसूचित जाति-जनजाति के सब प्लान पर बजट बढ़ाने के साथ यह बात भी उभरी कि चुनाव सुधार खास तौर पर अनुसूचित जाति व जनजाति के निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव पद्धति में भी बदलाव किया जाए। वैसे तो लोगों का यह मानना था कि बेहतर होता कि पृथक निर्वाचन की पद्धति अख्तियार की जाती।
लेकिन यदि आज की स्थिति में यह संभव नहीं है तो कम से कम संयुक्त निर्वाचन के लिए अनुसूचित जाति व जनजाति का एक वाजिब वोट प्रतिशत को निश्चित किया जाए जिसे प्राप्त करने के बाद ही किसी व्यक्ति को निर्वाचित घोषित किया जाए। ज्ञातव्य है कि जब भी देश में अनुसूचित जाति-जनजाति पर दमन होता है या उन पर हमला होता है तब इन आरक्षित सीटों से जीते हुए प्रतिनिधि मौन रहते हैं और अपनी पार्टी की जन विरोधी दिशा के साथ रहते हैं।
उन्होंने कहा कि जाहिरा तौर पर आरएसएस और भाजपा की राजनीति को शिकस्त देना ही हमारा सबसे बड़ा कार्यभार है। इस दिशा में हम विपक्ष के साथ सहयोग और संघर्ष की नीति पर अमल करेंगे। लेकिन यह सर्वाधिक जरूरी है कि सार्वजनिक सुरक्षा और लोगों में मैत्री भाव के मुद्दों को लेकर हमें जन गोलबंदी पर जोर देना होगा।
भाजपा की राजनीति से निपटने के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति विकल्प नहीं हो सकती। हमें समाज के सबसे निचले पायदान पर रहने वाले सामाजिक आर्थिक तबकों को गोलबंद करना होगा। प्रस्तावित दलित एकता मंच इसमें प्रभावी भूमिका निभा सकता है। रोजगार अधिकार अभियान को केवल छात्रों और नौजवानों तक ही सीमित नहीं रखना है।
समाज के उन सभी लोगों के बीच इसे ले जाना होगा जो कॉर्पोरेट अर्थनीति से तबाह हो रहे हैं। प्रदेश की राजनीति में लोकतांत्रिक बदलाव के लिए रोजगार अधिकार अभियान इस पर हमें केंद्रित करना होगा।
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