विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ उच्च न्यायालय इलाहाबाद इकाई ने ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन एजवी बरेलवी इस्लामिक स्क्वाहर के विरुद्ध पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज में एफआईआर दर्ज करने हेतु तहरीर दी है |
मुख्य बातें :-
मामला गंगा नदी के तट पर वक्फ बोर्ड की 55 बीघा भूमि पर महाकुंभ 2025 का आयोजन बताये जाने आदि बयान का
धार्मिक उन्माद फैलाने व समाज को विखंडित करने के प्रयास में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष को हो सकती जेल !
विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ उच्च न्यायालय इलाहाबाद इकाई ने लिया एक्शन, बरेलवी के बयान को किया ख़ारिज
प्रयागराज / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट : विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ उच्च न्यायालय इलाहाबाद इकाई ने ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन एजवी बरेलवी इस्लामिक स्क्वाहर के विरुद्ध मंगलवार को सिविल लाइंस थाना पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु तहरीर दी गयी |
मिली जानकारी के अनुसार अपराह्न 1:00 बजे ' नवभारत समाचार चैनल ' पर खबर प्रकाशित की गई की ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन एजवी इस्लामिक स्क्वाहर द्वारा बताया गया कि इलाहाबाद के निवासी सरताज के मुताबिक महाकुंभ 2025 का आयोजन गंगा नदी के तट पर वक्फ बोर्ड की 55 बीघा भूमि पर समियाना 10th व अन्य प्रकार के निर्माण किए गए हैं |
मुस्लिम समाज बड़ा दिल दिखा कर आयोजन रोक नहीं रहा है वहीं पर निर्माणी अखाड़ा मुसलमान को महाकुंभ आयोजन में शामिल होने से रोक रहा है मुसलमान को वहां पर व्यवसाय नहीं करने दिया जा रहा है, वहां पर मुसलमान का बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन कराया जाएगा शहाबुद्दीन मौलाना के उक्त बयान पर विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ उच्च न्यायालय इलाहाबाद इकाई ने कड़ी आपात व्यक्त की है और इसे धार्मिक उन्माद बताया है और कहां है कि शहाबुद्दीन बरेली का द्वारा यह बयान एक साजिश के तहत देकर एक धार्मिक उन्माद फैलाने व समाज को विखंडित करने का प्रयास किया जा रहा है |
उनका यह वक्तव्य राष्ट्र विरोधी समाज को तोड़ने की साजिश वी झगड़ा करने का है जिससे सनातन धर्म की छवि को विश्व भर में धूमिल करके विदेशी टैक्टर से मिलकर सामाजिक सौभाग्य बिगड़ना एवं राष्ट्र विरोधी व समाज विरोधी शक्तियों को प्रेषित कर देश को धार्मिक दंगों की आग मैं जलाने वाला है उनके द्वारा जानबूझकर एक साजिश के तहत बिना किसी दस्तावेज के निराधारण आरोप लगाकर सनातन कार्यों एवं धर्म धार्मिक भावनाओं व आस्था को ठेस पहुंचाने व आहत करने वाला है, जबकि प्रज्ञा की पावन भूमि पर या कुंभ मेला कल से ही अनवरत रूप से लगता चला आ रहा है |
जिसका उल्लेख धर्म ग्रंथो एवं पुराणों में वर्णित है समय-समय पर विभिन्न विदेशी यात्रियों ने जैसे चंद्रगुप्त मौर्य के समय 302 ईसा पूर्व यूनानी यात्री मेगास्थनीज ने अपनी किताब इंडिका में इस मेले का वर्णन किया है इसी प्रकार चीनी यात्री फाह्यान ने 399 से 411 ईसा पूर्व ई अपने यात्रा वर्णन में कुंभ मेले का वर्णन किया है 606 हिस्सा से 647000 तक कुंभ मेले में आने एवं संपत्ति दान का वर्णन महाराजा हर्षवर्धन का भी मिलता है |
इस प्रकार या सिद्ध होता है कि यह भूमि इस्लाम के उदय होने से पहले की है और कुंभ मेले का आयोजन उससे पहले होता रहा है सिविल लाइंस थाने में विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ उच्च न्यायालय इलाहाबाद के बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने एकत्रित होकर प्रथम सूचना पर दर्ज करने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जिसमें प्रमुख रूप से विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ उच्च न्यायालय के संयोजक अरविंद कुमार भारद्वाज, विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ काशी प्रांत के सहसंयोजक बृजेश प्रताप सिंह, विश्व हिंदू परिषद कानपुर के पालक जयराज सिंह तोमर, काशी प्रांत के सहसंयोजक ओम प्रकाश सिंह, उच्च न्यायालय के सहसंयोजक श्रीमती कविता तोमर एवं अखिलेश शुक्ला साथ ही विनय पांडे, अमरेश तिवारी, वीरेंद्र सिंह राजभर, डी त्रिपाठी राजन शर्मा, शिव गोपाल सिंह, राम आधार, जितेंद्र पाल सिंह जादौन आदि रहे |