प्रत्येक शहर के नाम के पीछे कोई न कोई ऐतिहासिक, पौराणिक या सांस्कृतिक कहानी छिपी होती है। बिहार के 9 प्रमुख शहरों के नामकरण के पीछे की रोचक कहानियाँ यह है ।
क्या आपने कभी सोचा है कि बिहार के शहरों के नाम कैसे पड़े?
बिहार भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य है, जहां कई शहरों के नाम ऐतिहासिक, पौराणिक और भौगोलिक कारणों से जुड़े हुए हैं। क्या आप जानते हैं कि बिहार के इन शहरों के नाम कैसे पड़े? 9 प्रमुख शहरों के नामकरण के पीछे की रोचक कहानियाँ बताइए।
मुजफ्फरपुर मुजफ्फरपुर जिले की स्थापना 18वीं शताब्दी में हुई थी। इसका नाम ब्रिटिश काल के एक आमिल (राजस्व अधिकारी) मुजफ्फर खान के नाम पर रखा गया था।
दरभंगा दरभंगा नाम 'द्वार बंग' या 'दारी बंग' से आया है, जिसका अर्थ है "बंगाल का द्वार"। यह बिहार के उत्तरी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है।
हाजीपुर वैशाली जिले का मुख्यालय हाजीपुर की स्थापना एक बंगाली शासक 'हाजी इलियास शाह' (1345-1358 ई.) ने की थी, जिनके नाम पर शहर का नाम रखा गया है।
गया पौराणिक राक्षस गयासुर के नाम से लिया गया है। ऐसा माना जाता है कि 'गयासुर' ने कठोर तपस्या की और भगवान विष्णु से वरदान प्राप्त किया कि उसका अपना शरीर एक पवित्र स्थान बन जाएगा, जहां लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर सकेंगे। आज भी गया हिन्दू धर्म में पिंडदान के लिए प्रसिद्ध है।
मधुबनी मधुबनी शब्द दो शब्दों से बना है: 'मधु' (शहद) और 'बानी' (वन)। प्राचीन काल में इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में शहद पाया जाता था, इसीलिए इसे मधुबनी कहा जाता था। यह शहर विश्व प्रसिद्ध मधुबनी चित्रकला के लिए जाना जाता है।
पूर्णिया पूर्णिया नाम 'पूर्णा-अरण्य' से लिया गया है जिसका अर्थ है 'घना जंगल'। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में यह क्षेत्र घने जंगलों से आच्छादित था, इसलिए इसे पूर्णा-अरण्य कहा जाता था, जो बाद में पूर्णिया हो गया।
चंपारण "चंपारण" शब्द भी "चंपक" (फूल) और "अरण्य" (वन) से लिया गया है, जिसका अर्थ है चंपा के पेड़ों से घिरा जंगल, जो इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है। चम्पारण महात्मा गांधी के चम्पारण सत्याग्रह के लिए प्रसिद्ध है।
सारण जिले के नाम के संबंध में दो प्रचलित धारणाएं हैं। सबसे पहले, यह नाम संस्कृत शब्द 'शरण' (सुरक्षित स्थान) से लिया गया है, जो बाद में सरन बन गया। सम्राट अशोक ने यहां एक स्तूप (स्तंभ) बनवाया था, जिसे शरण स्तूप कहा जाता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार यह नाम 'सारंग' (हिरण) और 'अरण्य' (वन) से मिलकर बना है। प्राचीन काल में यह क्षेत्र घने जंगलों से भरा हुआ था और यहां बड़ी संख्या में हिरण थे, जिसके कारण इसका नाम सरन पड़ा।
बक्सर शब्द संस्कृत के शब्द 'व्याघ्र' (बाघ) और 'सर' (तालाब) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है 'तालाब जहां बाघ आते हैं'। एक अन्य कथा के अनुसार, ऋषि दुर्वासा ने ऋषि वेदशिरा को श्राप देकर उन्हें बाघ मुख वाला व्यक्ति बना दिया था। जब उसने पवित्र सरोवर में स्नान किया तो उसका श्राप टूट गया। इस स्थान को 'व्याघ्रसर' कहा जाने लगा, जो बाद में बक्सर हो गया।
मोतिहारी मोतिहारी के लोगों का मानना है कि इस शहर का नाम दो राजाओं, 'मोती सिंह' और 'हरि सिंह' के नाम से लिया गया है। इस जिले की जड़ें चंपारण जिले से जुड़ी हुई हैं। (फोटो स्रोत: indiarailinfo.com)