सामाजिक परिवर्तन के लिए और पाखण्ड वाद के खिलाफ लड़ने वाले अग्रणी योद्धा संत रैदास जी की 648 वीं जयंती हर साल की तरह इस साल भी काफी धूमधाम से मनाया गया |
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट,चंदौली / चकिया : बुधवार को मुड़हुआ दक्षिणी में सामाजिक परिवर्तन के लिए और पाखण्ड वाद के खिलाफ लड़ने वाले अग्रणी योद्धा संत रैदास जी की 648वी जयंती हर साल की तरह इस साल भी काफी धूमधाम से मनाया गया जगह जगह के गांव वासी जूलुस के साथ पहुंचे !
बलिया कला , करबंदिया , नेवाजगंज , भभौरा , रघुनाथपुर , लठिया ,रामपुर ,बोदलपुर , दाउदपुर , गायघाट , अमरा दक्षिणी ,अलिपुर भंगडा सहित तमाम गांव के लोग संत रैदास जी के जन्मदिन मनाते हुए हर साल की तरह डाक्टर भीमराव अम्बेडकर समिति मुड़हुआ दक्षिणी संत रविदास परिसर में इकट्ठा हुए जिसमें काफी संख्या में नौजवान , महिलाएं औ लड़कियां भी शामिल हुई ! संत शिरोमणि रविदास जी मुर्ती पर आकर उनको माल्यार्पण किए !
डाक्टर भीमराव अम्बेडकर समिति मुड़हुआ दक्षिणी के तत्वावधान में संत शिरोमणि रविदास जी की जंयती पर कार्यक्रम में विभिन्न दलों के नेता व समाज सेवी शिरकत कर रहें थें ! संत शिरोमणि रविदास जी की परिसर में जहां एक तरफ विभिन्न दलों के नेता व समाज सेवी संत शिरोमणि रविदास जी के विचारों को रख रहें थे वहीं बच्चें और महिलाएं मेला की लुत्फ भी उठा रहें थें !
डाक्टर भीमराव अम्बेडकर समिति मुड़हुआ दक्षिणी के अध्यक्ष महेन्द्र राव ने संचालन करतें हुए सभी विभिन्न दलों से जुड़े जनप्रतिनिधि का मंच से स्वागत करतें हुए संत शिरोमणि रविदास जी के मुर्ती पर माल्यार्पण करा रहें थें !
संत शिरोमणि रविदास जी की जंयती पर विभिन्न दलों के वक्ताओं ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के अंदर समता , स्वतंत्रता , बंधुत्व और न्याय की भावना जबरदस्त भरी थी वहीं उनके अंदर वर्ण व्यवस्था और जाति के जंजाल के भार से मुक्ति की भावना थी ! जो बाद में ज्योतिबा फुले , पेरियार और डाक्टर भीमराव अम्बेडकर के संघर्षों में दिखाई देती हैं लेकिन उसकी जमीन रैदास जी जैसे संत कवि ही बनाते हैं ! संत रैदास जी जन साधारण की राज की बात करते हैं ! एक ऐसे लोकतांत्रिक गणराज्य की जिसमें जनता की भौतिक , सांस्कृतिक सभी जरूरतें पूरी हों !
संत शिरोमणि रविदास जी जात व्यवस्था पर चोट करते हुएं कहते हैं कि
रैदास जन्म के कारनै , होत न कोउ नीच|
नर कूं नीच करि डारि हैं , ओछे करम की नीच
संत शिरोमणि रविदास जी ने भक्ति भावना के साथ समाज में समरसता और मानवता की बातें कर समाज को सहीं दिशा दिखाई थी ! वह पाखण्ड वाद के घोर विरोधी थें इसलिए तो कहते थे कि मन चंगा तो कठौती में गंगा
उस समय उन्होंने ब्राह्मणवादी व्यवस्था से लड़ने का काम किए ! वह जातिवाद के घोर विरोधी थें ! और अंधविश्वास पर भी चोट करते थें ! उन्होंने भक्ति और सत्संग के माध्यम से अपने समाज को एक संदेश दिए कि समता की यही संकल्पना , आधुनिक भारत बना सकता हैं! न्याय दिला सकता हैं!
संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती पर,पूर्व विधायक व सपा नेता जितेन्द्र कुमार ऐडवोकेट , मुख्य अतिथि सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर ,ब्लाक प्रमुख शम्भु यादव ,चकिया चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव , आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय , सेक्टर नं तीन के जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि व भाजपा मंडल अध्यक्ष कुंदन गोड़ , चकिया सेक्टर दो जिला पंचायत सदस्य डाक्टर प्रदीप कुशवाहा ,सपा नेता दशरथ सोनकर , पूर्व चकिया ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सुधाकर कुशवाहा , रीना पासवान , सत्यम सोनकर , प्रधान संघ अध्यक्ष रामलाल यादव , पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष बब्बन यादव , अरूण कुमार भारती , गीता यादव ,अरुण यादव ,अरुण त्यागी , पूर्व प्रधान करबंदिया जयराम राम , मोहम्मद नसीम ,दुखभंजन जायसवाल ,विजय यादव एडवोकेट ,रामकृत एडवोकेट , बाबूलाल एडवोकेट , अजय गुप्ता ,महेश यादव ,अशरफ खान ,राजेश प्रधान ,,अंम्बुज मोदनवाल ,जगदयाल राम , दिनेश भारती , विवेक कुमार भारती , रामकृष्ण देवगौड़ा , गुरु प्रसाद , सुहैल खान ,जगदयाल राम , सहित सैकड़ों लोग ने विचार व्यक्त किए !