सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के कार्यकर्ता की थाने में पिटाई के मामले ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट /बलिया । सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के कार्यकर्ता की थाने में पिटाई के मामले ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। एक अधिकारी के साथ कथित दुर्व्यवहार के मामले में आरोपी एक पुलिस उपनिरीक्षक समेत दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के बावजूद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर शुक्रवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बांसडीह तहसील का घेराव करेंगे।
इस बीच मंत्री ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर ने पुलिस प्रशासन को खुली धमकी देते हुए कहा है कि जिन लोगों को पीले दुपट्टे से परेशानी हो रही है, जिनकी आंखें काम नहीं कर रही हैं, सुभासपा पदाधिकारी उनकी आंखें निकाल लेंगे। उन्होंने कहा कि अब अंत तक लड़ाई होगी। अरुण राजभर ने आरोप लगाया कि उनके पार्टी कार्यकर्ता, जो पीला दुपट्टा पहने हुए थे, को बांसडीह थाने में पुलिस ने बेरहमी से पीटा। वह इस बात से क्रोधित है।
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि जिला प्रशासन ने आरोपी उपनिरीक्षक समेत दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अभी तक दोषी तहसील कर्मी दीपक के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि तहसील कर्मी के खिलाफ कार्रवाई न होने के विरोध में 7 मार्च (शुक्रवार) को बांसडीह तहसील का घेराव व बांसडीह थाने पर प्रदर्शन किया जाएगा जिसका नेतृत्व पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर खुद करेंगे।
अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बुधवार को सुभासपा नेता उमापति राजभर के साथ अभद्रता और कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में बांसडीह थाने में तैनात उपनिरीक्षक रंजीत विश्वकर्मा और कांस्टेबल शैलेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
पुलिस अधीक्षक ने यह कार्रवाई बांसडीह क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक प्रभात कुमार की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था। बांसडीह के उप जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक प्रियदर्शी ने कहा कि तहसील में काम करने वाले दीपक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि इस घटना में उसकी कोई गलती नहीं थी। उमापति राजभर ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि वह 4 मार्च को दोपहर के समय बांसडीह तहसील परिसर में थे, तभी एक कार का स्टीयरिंग व्हील उनके पैर पर चढ़ गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कार का चालक उप-जिला मजिस्ट्रेट का कर्मचारी दीपक था और दीपक ने उनके साथ गाली-गलौज की तथा जान से मारने की धमकी दी। उमापति राजभर ने दावा किया कि इसके बाद दीपक ने बांसडीह थाना प्रभारी रंजीत विश्वकर्मा को बुलाया और वह उसे थाने ले गए, जहां उसकी पिटाई की गई।