अपने अधिकार की लड़ाई को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सत्ता में रह रही निषाद पार्टी के तेवर को देखते हुए जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
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निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद इस समय मछुआ समाज के मंत्री भी है, वे संवैधानिक यात्रा निकल रहे |
सत्ता में रहकर अपना अधिकार मांगना हिम्मत की बात
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट /ब्यूरो चीफ दिवाकर राय चंदौली। जनपद चंदौली में आज अपने अधिकार की लड़ाई को जनजन तक पहुंचाने के लिए सत्ता में रह रही निषाद पार्टी के तेवर को देखते हुए जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।| डॉ. संजय निषाद जो निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और इस समय मछुआ समाज के मंत्री भी है |
इन्होंने अपनी जाति के लिए संविधान के तहत अनुसूचित जाति जनजाति में जगह न मिलने के कारण अपने को असहाय महसूस कर रहे हैं जबकि उन्होंने बताया की राज्यपाल,राष्ट्रपति के यहां से एससी-एसटी के लिए लिखित आ चुका है। लेकिन अभी भी निषाद पिछड़ी जाति में बने हुए हैं जबकि मेरे समाज का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है | ऐसी स्थिति को देखते हुए हमें समाज को जगाने की जरूरत है कि हम लोगों को चुप रहने में बहुत बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सहयोगी पार्टी की भूमिका में रह रही निषाद पार्टी को अपने ही समाज को लेकर अधिकार न मिलना और संवैधानिक अधिकार यात्रा निकालने से इस सरकार के ऊपर उंगली उठना लाजमी है। इस प्रकार से डॉक्टर संजय निषाद ने अपने बिरादरी को समझने की कोशिश किया है। 80 परसेंट निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मन बनाया है अगले चुनाव तक कुछ न कुछ नई रणनीति बदल सकती है।