जिला मजिस्ट्रेट ने मानदंडों का उल्लंघन करने पर नमस्ते इंडिया समेत 10 औद्योगिक इकाइयों को नोटिस जारी किया।
कानपुर / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट : गर्मी बढ़ने के साथ ही प्रशासन शहर में भूजल अन्वेषण करने वालों के प्रति सख्त हो गया है। बुधवार को जिला मजिस्ट्रेट ने मानदंडों का उल्लंघन करने पर नमस्ते इंडिया समेत 10 औद्योगिक इकाइयों को नोटिस जारी किया।
ये औद्योगिक इकाइयां एनओसी प्राप्त करने के बाद भूजल का उपयोग कर रही थीं, लेकिन नियमों के अनुसार भूजल को रिचार्ज नहीं कर रही थीं। इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट ने नोटिस जारी कर इकाइयों को सचेत किया है।
शहरी क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन के लिए दीर्घकालिक उपायों की कार्ययोजना तैयार करने के संबंध में जिला स्तरीय समन्वय समिति की पहली बैठक बुधवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि भूजल के औद्योगिक, वाणिज्यिक एवं सामूहिक उपयोगकर्ता जिन्होंने भूजल के उपयोग के लिए एनओसीएलआई को अपनाया है, उन्हें नियमों का पालन करना होगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में एनओसी द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुसार भूजल का पुनर्भरण नहीं हो रहा है। इस दौरान उन्होंने थ्रेड्स इंडिया लिमिटेड, लोहिया कॉर्प लिमिटेड, अनीसा कार्पेट लिमिटेड, शाम टेक्सटाइल, नमस्ते इंडिया फूड्स (शिवराजपुर यूनिट), स्पाई पिक फूड एलएलपी, जॉनसन मथे केमिकल्स, कानपुर प्लास्टिक पैक, सुपर टेनरी और हरिओम इंडस्ट्री को नोटिस जारी किया।
जिलाधिकारी ने अपर नगर आयुक्त को शहरी क्षेत्रों में स्थित पार्कों एवं तालाबों को चिन्हित कर उनमें वर्षा जल संचयन एवं उसके जीर्णोद्धार के लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पार्कों का निर्माण करते समय यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पार्कों में केवल 5% निर्माण ही किया जाए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक, बेसिक शिक्षा निदेशक, जिला विद्यालय निरीक्षक, अधिशासी अभियंता नगरीय जल निगम, सहायक अभियंता लघु सिंचाई विभाग, जल विज्ञानी भूगर्भ जल विभाग तथा सुभाषिनी शिवहरे फाउंडेशन की डॉ. सुभाषिनी खन्ना उपस्थित थीं।
इमारतों में वर्षा जल संचयन प्रणालियों की स्थापना
जिलाधिकारी ने कहा कि शहर में 100 वर्ग मीटर एवं इससे अधिक क्षेत्रफल के सभी प्रकार के भूखण्डों पर वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की जाए। संबंधित विभाग को इस पर निर्णय लेना चाहिए और सभी सरकारी भवनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि प्रवर्तन एजेंसियों को अवगत करा दिया जाए कि भविष्य में नए सरकारी व अर्द्धसरकारी भवनों के निर्माण में वाटर रिचार्ज की सुविधा होनी चाहिए।
नगर निगम भूजल सुरक्षा योजना तैयार की गई है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के निर्देश उप नगर आयुक्त को दिए गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया कि निर्माणाधीन सभी सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में निर्माण प्रस्ताव तैयार करते समय वर्षा जल संचयन प्रणाली की स्थापना का प्रस्ताव बनाना अनिवार्य है।