13 खाताधारकों को नहीं पता कहां गए उनके 76 लाख, पोस्ट ऑफिस में नियुक्त कर्मचारी ने की धोखाधड़ी

13 खाताधारकों को नहीं पता कहां गए उनके 76 लाख, पोस्ट ऑफिस में नियुक्त कर्मचारी ने की धोखाधड़ी

 कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी स्थित डाकघर के 13 खाताधारकों के 76 लाख रुपये कहां गए ?

13 खाताधारकों को नहीं पता कहां गए उनके 76 लाख, पोस्ट ऑफिस में नियुक्त कर्मचारी ने की धोखाधड़ी

लखनऊ:  कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी स्थित डाकघर में 13 खाताधारकों के 76 लाख रुपये कहां गए? यह प्रश्न अभी भी अधूरा है. प्रारंभिक जांच के आधार पर वरिष्ठ डाक अधिकारियों ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें एक खाताधारक को भी आरोपित किया गया। 

आरोपी खाताधारक ने कहा कि उसे फंसाया जा रहा है। बहन की शादी नवंबर में होगी। उसने अपनी मेहनत की कमाई बचायी थी। दूसरी ओर, पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। आवश्यक दस्तावेज एकत्र किये जा रहे हैं।

कृष्णानगर थाने में पश्चिमी उपमंडल डाकघर के सहायक अधीक्षक हरिहर नाथ मणि त्रिपाठी ने दी तहरीर में बताया कि केसरी खेड़ा निवासी दीपू यादव और विपिन कुमार के खिलाफ 76 लाख रुपये की धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। 

इस मामले में आरोपी खाताधारक विपिन कुमार ने बताया कि उसके पिता विनोद कुमार की मौत के बाद उसने अपने भाई-बहन के नाम से एलडीए डाकघर में खाता खुलवाकर 40 लाख रुपये पीएफ जमा कराया था।

उसने बताया कि उसकी बहन की शादी नवंबर में हो रही है। जब वह 12 अप्रैल को खरीदारी के लिए पैसे निकालने गए तो उनके और उनके परिवार के सभी सदस्यों के खाते बंद हो चुके थे। जब हमने डाकघर से जानकारी लेने की कोशिश की तो विभागीय जांच का सवाल उठा। 

मेरी बहन की शादी नजदीक आ रही है, मैंने सोचा कि डाकघर से कुछ पैसे निकाल कर आराम से उसकी शादी कर दूं। एक महीने की जांच के बाद डाक विभाग के अधिकारियों ने दीपू के साथ उन पर भी धोखाधड़ी का आरोप लगाया।

डाकघर के पश्चिमी उपमंडल के सहायक अधीक्षक हरिहर नाथ मणि त्रिपाठी ने शिकायत में कहा है कि केसरी खेड़ा निवासी दीपू यादव को अस्थायी रूप से रखा गया है। जिसे फरवरी 2025 में हटा दिया गया। उसके बाद खातों से पैसे ट्रांसफर होने की शिकायतें आने लगीं। जांच हुई तो पता चला कि दीपू ने पैसे ट्रांसफर किए हैं। 

इसके अलावा, कई खाताधारकों के खाते परिपक्वता से पहले बिना अनुमति के बंद कर दिए गए और बंद करने की राशि विपिन कुमार के खाते में जमा कर दी गई। जिसे बाद में नकद निकाल लिया गया। उनका तबादला भी दूसरे बैंक में कर दिया गया। इससे स्पष्ट है कि विपिन कुमार दीपू से मिला हुआ है।

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

कई मामले प्रकाश में आने के बाद डाक विभाग ने पूर्व कर्मचारी दीपू यादव को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि दीपू को स्थानीय डाकघर प्रशासन ने काम पर रखा था। उन्होंने 2022 में तत्कालीन पोस्टमास्टर की पहचान का उपयोग करके पैसे निकाल लिए। उनके जाने के बाद गबन के आरोप सामने आने लगे। 

इस मामले में एसीपी कृष्णानगर विकास पांडे ने कहा कि आरोपों की जांच की जा रही है। सभी खाताधारकों के बयान दर्ज किये जा रहे हैं। सभी तथ्यों की समीक्षा की जाएगी। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

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