विभागीय कार्य के लिए सफाई कर्मचारी , लेखपाल या आउटसोर्सिंग के तहत कर्मचारी रखना मजबूरी है, आज स्थिति हैं कि सरकार पर दोषारोपण करने की जगह हम अधिकारियों पर ही दोषारोपित करते हैं |
- सफाई कर्मचारी से ब्लाक में और तहसील में लेखपालों व आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों से हलकराय जा रहा जनता का सवाल
- अधिकारियों द्वारा अगर इनसे काम न कराई जाए तो जनता चक्कर लगाते रहेंगे ब्लाक व तहसील का, क्यों न बढ़े लोगों की समस्याएं ?
चंदौली / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट : भाजपा राज में लम्बे समय से नियुक्तियों पर रोक हैं खाली पद भी नहीं भरें जा रहें हैं ब्लाक, तहसील व जिला तक की स्थिति यह हैं कि जनता की समस्या को हल करने व विभागीय काम न होने की स्थिति पर उठने वाली जन आक्रोश का निस्तारण कराने व विभागीय कार्य के लिए सफाई कर्मचारी , लेखपाल या आउटसोर्सिंग के तहत कर्मचारी रखना मजबूरी हैं आज स्थिति हैं कि सरकार पर दोषारोपण करने की जगह हम अधिकारियों पर ही दोषारोपित करते हैं!
आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने कहा कि हर विभाग में नई नियुक्ति की बातें छोड़ दें खाली पदों पर भी नियुक्ति नहीं हो रहीं हैं नतीजा कि अन्य विभागों में अभी कुछ नियुक्त कर्मचारियों से ही अन्य तरह के काम लिए जा रहें ! सरकार के आंकड़े ले तो करीब छः लाख पदों नियुक्ति करना जरूरी हैं जो खाली हैं लेकिन नियुक्ति नहीं कर रहीं हैं सरकार नतीजा अधिकारियों द्वारा ब्लाक से लेकर कहीं कम्प्यूटर के जानकार सफाई कर्मचारी द्वारा एडीओ पंचायत कार्यालय में , तहसील में लेखपालों द्वारा या आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों द्वारा जनता या विभागीय कार्य का निस्तारण किया जा रहा हैं इसलिए नियुक्ति का सवाल उठना चाहिए , खाली पदों पर भर्ती का सवाल ऐजेण्डा में होना चाहिए लेकिन इस सवाल पर कोई बोलने के लिए तैयार नहीं हैं !
उन्होंने कहा कि रोजगार व खाली पदों पर भर्ती का सवाल पर रोजगार अधिकार अभियान चल रहा हैं ! ठेका , शराब की दुकान चलाने का परिवार के सदस्यों द्वारा करना उनका निजी काम हैं जैसे नोकरी के साथ खेती-बाड़ी करना लेकिन विभागीय काम में लापरवाही करने पर उक्त कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए !
एआईपीएफ की तरफ़ से ब्लाक में कम्प्यूटर के जानकार व तहसील में सभी कार्य जो अधिकारियों द्वारा जनहित में किया जाता हैं उसके लिए कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर सरकार के समक्ष उठा रहीं हैं ! कई बार जनता काम में देरी पर डीपीआरओ व अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा कम कर्मचारियों को लेटर भी भेजा गया हैं !यह अधिकारियों ने काम की देरी पर अपनी दुखड़ा सुनाया जाता हैं !लेकिन खाली पदों पर भर्ती के सवालों पर सरकार मौन हैं तो नई नियुक्ति की बातें छोड़ दें जबकि सरकार हर साल बम्पर नियुक्ति का विज्ञापन देती हैं और नियुक्ति के नाम पर फार्म भरवा कर अच्छा खासा पैसा भी ले लेती हैं ! लेकिन नियुक्ति लेटर नहीं आयी हैं !
एआईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने खाली पदों पर भर्ती व नई नियुक्ति को लेकर युवा मंच द्वारा चलाई जा रही अभियान में शिरकत करने की अपील करतीं हैं !