जनपद जौनपुर थाना अर्न्तगत चंदवक थाने में चंदौली के उकनी बीरमराय गांव का 35 वर्षीय दुर्गेश सिंह दिवान के पद पर तैनात थे।
- चंदौली और जौनपुर के एसपी ने पुलिस जवान के घर पहुंचकर परिजनों को दिया ढ़ाढ़स
- जवान के अंतिम शव यात्रा में विधायक सुशील सिंह सहित ग्रामीणों की उमड़ी भीड़
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट / चंदौली : जनपद जौनपुर थाना अर्न्तगत चंदवक थाने में चंदौली के उकनी बीरमराय गांव का 35 वर्षीय दुर्गेश सिंह दिवान के पद पर तैनात थे। शनिवार की देर रात पुलिस नाकेबंदी करके सघन जांच पड़ताल कर रही थी। इसी बीच पशु तस्करों ने पुलिस को देखते ही दुर्गेश सिंह को पीकअप से रौंदते हुए भाग निकले। जहां देर रात इलाज के दौरान दुर्गेश सिंह की मौत हो गयी।
ट्रामा सेंटर से पुलिस जवान का शव घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। विधायक सुशील सिंह के साथ चंदौली एसपी आदित्य लाग्हे और जौनपुर के एसपी डा.कौस्तुभ: सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स जवान के अंतिम यात्रा में शामिल रहे। परिजनों और परिवार के बच्चों को दहाड़ मारकर रोते देख आसपास खड़े सभी की आंखे नम हो गयी।
उकनी बीरमराय गांव के दीनानाथ सिंह के दो पुत्र राजीव रंजन सिंह और दुर्गेश कुमार सिंह थे। इनकी चार बहनें रीना सिंह,मीना सिंह,तारा सिंह और भुट्टन सिंह है। दुर्गेश सिंह 2012 में पुलिस में भर्ती हुए थे। वही बड़ा भाई राजीव रंजन सिंह एयरफोर्स जोधपुर राजस्थान में तैनात है। दुर्गेश सिंह की शादी वर्ष 2015 में बलिया जनपद के बासडीह क्रितुपुर में प्रियंका सिंह से हुई थी। प्रिंयका सिंह महिला सिपाही रही बाद में परीक्षा देकर टीचर बन गयी। दुर्गेश सिंह को दो पुत्री 6 वर्षीय तान्या सिंह और दो वर्षीय पुत्री नव्या सिंह है।
दुर्गेश सिंह जीआरपी प्रयागराज में एक साल ड्यूटी के बाद जौनपुर में थाने में तैनात थे। शनिवार को वाराणसी से आजमगढ़ के रास्ते पशु तस्कर की आने की सुचना पर पुलिस नाकेबंदी करके जांच पड़ताल कर रही थी। पुलिस को देखते ही पशु तस्कर तेजी से भागते हुए रेलवे फाटक भी तोड़ दिया। पशुतस्करों ने दुर्गेश सिंह के रोकते समय रौंदते हुए भाग निकले।
घटना की जानकारी होने पर परिजनों में कोहराम मच गया। माता उर्मिला सिंह,पिता दीनानाथ सिंह पत्नी प्रियंका सिंह बहनों सहित परिजनों का दहाड़मारकर रोते बिलखते देख सभी की आंखे नम हो गयी थी। जौनपुर एसपी डा.कौस्तुभ: चंदौली एसपी आदित्य लांग्हे विधायक सुशील सिंह,ब्लॉक प्रमुख अवधेश सिंह,प्रधान प्यारेलाल,अमित सिंह सहित भारी संख्या में ग्रामीण अंतिम शव यात्रा में शामिल रहे।
बेटी तान्या और नव्या को पुलिस अधिकारी बनाना चाहते थे पिता
पुलिस का जवान दुर्गेश सिंह का शव घर पहुंचते ही सबकी आंखे नम हो गयी। जहां तहां परिवार के लोग बेसुध हो गिर जा रहे थे। पत्नी का रोते रोते बुरा हाल था। परिजनों का कहना था कि दुर्गेश दोनों बेटियों को पुलिस अधिकारी बनाना चाहते थे। लेकिन किसी को क्या पता कि परिवार पर अचानक दु:खों का पहाड़ टूट पड़ेगा। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से पशु तस्करों के खिलाफ सख्त अभियान चलाने की मांग उठाया।