भाजपा राज में कुर्मी समाज के लगभग 35 परिवार अपनी ज़मीन-जायदाद बेचकर दूसरे राज्य में पलायन को मजबूर !

भाजपा राज में कुर्मी समाज के लगभग 35 परिवार अपनी ज़मीन-जायदाद बेचकर दूसरे राज्य में पलायन को मजबूर !

 ज़िले की बिल्हौर तहसील के अरोल खासपुर गाँव में कुर्मी समाज के लगभग 35 परिवार अपनी ज़मीन-जायदाद बेचकर दूसरे राज्य में पलायन को मजबूर हैं।
भाजपा राज में कुर्मी समाज के लगभग 35 परिवार अपनी ज़मीन-जायदाद बेचकर दूसरे राज्य में पलायन को मजबूर !
  • उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में कुर्मी समाज की कोई सुनवाई नहीं,  बड़ा सवाल ? 
  • नगीना सांसद व भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर आजाद ने शासन - प्रशासन पर उठया सवाल 
  • कुर्मी नेताओं के जुबान में भी लगा ताला 

कानपुर / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट :  ज़िले की बिल्हौर तहसील के अरोल खासपुर गाँव में कुर्मी समाज के लगभग 35 परिवार अपनी ज़मीन-जायदाद बेचकर दूसरे राज्य में पलायन को मजबूर हैं। बीजेपी सरकार में  यह कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि यह शासन-प्रशासन की विफलता और सामाजिक न्याय के प्रति सरकार की उदासीनता का घातक एक उदाहरण है।

जहां परम पूज्य बाबा साहेब के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है — फिर इन कुर्मी परिवारों को अपना घर-द्वार और राज्य छोड़ने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? इन परिवारों की पुकार को न तो प्रशासन सुन रहा है और न ही सरकार। परिजनों ने 
मुख्यमंत्री योगी से गिहार लगाई है कि यह कैसा रामराज्य है आपका, जहाँ कुर्मी समाज पलायन को मजबूर है? क्या कुर्मी समाज का दर्द आपके लिए कोई मायने नहीं रखता है ? क्या यह माना जाए कि  उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में कुर्मी समाज की कोई सुनवाई नहीं होती है | 

चंद्र शेखर आजाद ने शासन - प्रशासन पर उठया सवाल 

भीम आर्मी चीफ Chandra Shekhar Aazad ने ये मांग की है :-

1. अरोल खासपुर गाँव के पीड़ित परिवारों को तत्काल राज्य संरक्षण दिया जाए।

2. पलायन के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ BNSS की सख्त धाराओं में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तारी की जाए।

3. गाँव में पर्याप्त फोर्स की तैनाती कर प्रशासन द्वारा स्थिति को सामान्य बनाया जाए।

4. ज़िला प्रशासन और पुलिस की लापरवाही की जांच कर जवाबदेही तय की जाए।

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