यूपी में पंचायत चुनाव के लिए ओबीसी आयोग के गठन का फैसला लिया गया है। कैबिनेट से प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। इसके बाद प्रदेश में पंचायत चुनाव की गति तेज हो जाएगी।
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट / लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यूपी में 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर अहम फैसला लिया गया। पंचायती राज विभाग ने पंचायतों में विभिन्न पदों के लिए आरक्षण सीमा को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए ओबीसी आयोग का गठन किया है।
पंचायत और नगर निगम चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। इसे देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहले से ही तैयारी कर ली है। ओबीसी आयोग के गठन के फैसले से साफ है कि सरकार पंचायत चुनाव में किसी भी तरह का विवाद पनपने नहीं देना चाहती है।
क्या है फैसला?
यूपी में अगले साल पंचायत चुनाव होने हैं। अप्रैल 2026 में संभावित पंचायत चुनाव के लिए सरकार ने राज्य ग्रामीण स्थानीय निकाय के पिछड़े वर्गों के लिए समर्पित समिति के गठन को मंजूरी दे दी है।
शुक्रवार को हुई योगी कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही पंचायत चुनाव की गति तेज हो गई है। पंचायती राज विभाग इस बार 57,695 पंचायतों में चुनाव कराने का फैसला कर चुका है। सीटों के निर्धारण के बाद अब आरक्षण की सीमा तय करने की तैयारी चल रही है। पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को मंजूरी मिलने के बाद पंचायत चुनाव की तैयारियों में तेजी आने की उम्मीद है।
यह समिति पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की संस्तुति करेगी। इसके आधार पर आगामी पंचायत चुनाव में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण तय किया जाएगा। विभिन्न पदों पर होगा आरक्षण वर्ष 2026 के यूपी पंचायत चुनाव में पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न पदों पर आरक्षण दिया जाएगा। आयोग की देखरेख में काम पूरा किया जाएगा। इससे किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी।
नगर निकाय चुनाव के दौरान ओबीसी आयोग का गठन न होने के कारण काम टालना पड़ा था। इसके बाद सरकार ने आयोग गठित कर अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण तय किया, तब जाकर चुनाव प्रक्रिया पूरी हो सकी।