रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं, मगर इस घटना पर टिप्पणी करने की भी जहमत नहीं उठाई।
Local railway accident in Mumbai
सोमवार सुबह सेंट्रल रेलवे के मुंब्रा स्टेशन के पास चलती लोकल ट्रेन से 13 यात्री गिर गए। इनमें से चार यात्रियों की मौत हो गई। दो यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। शेष यात्रियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। मुंबई के उपनगरों के बेहद करीब मुंब्रा इलाके में चलती ट्रेन से 13 यात्रियों के गिरने के बाद यह घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है।
हालांकि, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कल सुबह से इस घटना पर टिप्पणी करने के लिए मीडिया या सोशल मीडिया पर आने की जहमत नहीं उठाई। सोमवार को दिल्ली में 'मोदी 3.0' सरकार के एक साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे। इस अवसर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की गई थी। इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से "दैनिक लोकसत्ता" के एक पत्रकार ने मुंबई ट्रेन हादसे पर टिप्पणी करने के लिए कहा।
अश्विनी वैष्णव ने इस बारे में बात करने से परहेज किया। रेल मंत्रालय ने मुंबई हादसे पर एक पैम्फलेट प्रकाशित किया है। इसलिए, इस बारे में ज्यादा बात करने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही रेल मंत्री ने अपना बयान वापस ले लिया। मुंबई रेलवे: क्या "कुमकू" मुंबई की बहनों का सिंदूर नहीं है? पैसेंजर्स एसोसिएशन का गुस्सा भरा सवाल इस हादसे के बाद मुंबई के लोग गुस्से में हैं।
मुंबई और मुंबईकर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। हर दिन लोकल ट्रेन हादसों में लोगों की मौत होती है। क्या "कुमकू" मुंबई की बहनों का सिंदूर नहीं है? रेलवे यात्री संघ ने केंद्र सरकार से पूछा। मुंबई में रेल यात्रियों की मौतों का सिलसिला कब रुकेगा?
कहा जाता है कि पिछले 10 सालों में भारतीय रेलवे ने तरक्की की है। तो फिर मुंबई में रेल दुर्घटनाएँ कम क्यों नहीं हो रही हैं? हमने आज की घटना के बारे में रेलवे को पहले ही सूचित कर दिया था। हमने बताया था कि दिवा से कलवा तक भीड़ के कारण ट्रेन मोड़ पर पलट गई। लेकिन रेलवे यात्री संघ ने दावा किया कि रेलवे ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की।

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