अगर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग पावर कॉरपोरेशन के फैसले को मान लेता है तो स्थानीय लोगों को 8 रुपये और शहरवासियों को 9 रुपये प्रति यूनिट बिजली चुकानी पड़ेगी।
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट / लखनऊ। अगर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग पावर कॉरपोरेशन के फैसले को मान लेता है तो स्थानीय लोगों को 8 रुपये और शहरवासियों को 9 रुपये प्रति यूनिट बिजली चुकानी पड़ेगी।
इसके अलावा शहरी उपभोक्ताओं को भी मौजूदा 110 रुपये की जगह 190 रुपये प्रति किलोवाट का फिक्स्ड टैरिफ चुकाना पड़ेगा। ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड टैरिफ 90 रुपये से बढ़कर 150 रुपये प्रति किलोवाट हो सकता है। ऐसे में जल्द ही आपको 12-13 रुपये प्रति यूनिट बिजली चुकानी पड़ सकती है।
पावर कॉरपोरेशन ने बिजली दरों में औसतन 30 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग को सौंपा है, जिससे वित्तीय वर्ष 2025-26 में मौजूदा बिजली दरों के मुकाबले 19,644 करोड़ रुपये का घाटा होगा।
ग्रामीण और शहरी आवासीय उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में अधिकतम 35% से 45% की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। गौरतलब है कि कंपनी प्रबंधन ने मौजूदा चार आवासीय खपत बैंड को घटाकर तीन करने का प्रस्ताव दिया है।
इससे कुछ बैंड में बिजली 45% से अधिक महंगी हो सकती है। 300 यूनिट से अधिक बिजली की खपत करने वाले ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए मौजूदा टैरिफ को ₹5.50 से बढ़ाकर ₹8 कर दिया गया है, जबकि शहरी उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ को ₹6.50 से बढ़ाकर ₹9 प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव दिया गया है।
आवासीय गरीबी रेखा (बीपीएल) से नीचे रहने वाले लोगों को वर्तमान में 100 यूनिट तक ₹3 प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है, जिसे बढ़ाकर ₹4 प्रति यूनिट कर दिया गया है और निर्धारित टैरिफ को ₹50 से ₹75 करने का प्रस्ताव दिया गया है।
दुकानों के लिए बिजली का शुल्क 10 रुपये प्रति यूनिट लिया जा सकता है।
न केवल आवासीय बल्कि वाणिज्यिक बिजली के लिए भी टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। वाणिज्यिक बिजली के दो किस्तों को भी घटाकर एक कर दिया गया है।
ऐसी स्थिति में दुकानों आदि के लिए 4 किलोवाट तक के कनेक्शन के मामले में वर्तमान में 7.50 से 8.40 रुपये प्रति यूनिट के बीच उपलब्ध बिजली दर को बढ़ाकर 9.50 रुपये किया जाएगा। 4 किलोवाट से अधिक लोड वाले कनेक्शन के मामले में वर्तमान में 7.50 से 8.75 रुपये प्रति यूनिट के बीच उपलब्ध बिजली दर में 10 रुपये प्रति यूनिट तक की वृद्धि की जा सकेगी।
फिक्स्ड टैरिफ को 330 रुपये (चार किलोवाट)-450 रुपये से बढ़ाकर 450-545 रुपये प्रति किलोवाट करने का भी प्रस्ताव किया गया है। निजी संस्थानों के लिए बिजली दर को 9 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये और फिक्स्ड टैरिफ को 350 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।