जनपद के मुहम्मदाबाद स्थित पशु चिकित्सालय में नियमित चिकित्सकों की कमी के कारण पशुपालकों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गाजीपुर / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट / रिपोर्ट - त्रिलोकी नाथ राय।
जनपद के मुहम्मदाबाद स्थित पशु चिकित्सालय में नियमित चिकित्सकों की कमी के कारण पशुपालकों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालांकि , सरकार पशुपालकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने का प्रयास कर रही है।
डॉ. आर. के. गौतम की अनुपस्थिति: उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. आर. के. गौतम, सप्ताह में केवल तीन दिन ही चिकित्सालय आते हैं, और शेष तीन दिन वे जिला मुख्यालय स्थित गौशाला और प्रशासनिक कार्यों का संचालन करते हैं।
झोलाछाप डॉक्टरों का प्रयोग: इसके कारण पशुपालकों को झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है, जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
अस्पताल की दयनीय स्थिति--- कूड़ा-कचरा और झाड़ियाँ: चिकित्सालय कूड़े-कचरे से अटा पड़ा है और कई जगहों पर झाड़ियाँ उग आई हैं, जिससे जहरीले जानवरों के प्रवेश का खतरा बना रहता है।- जीर्ण-शीर्ण आवासीय भवन: परिसर के आवासीय भवनों की हालत खस्ता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा
इन सभी समस्याओं के कारण, यह पशु चिकित्सालय केवल दिखावा बनकर रह गया है। पशुपालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है और वे अपने पशुओं के इलाज के लिए अन्य विकल्प तलाशने को मजबूर हैं।
आवश्यक समाधान- डॉक्टरों की नियमित तैनाती: पशुपालकों को समय पर उपचार मिल सके, इसके लिए अस्पताल में नियमित रूप से डॉक्टरों की तैनाती की जानी चाहिए।- अस्पताल की सफाई: अस्पताल की नियमित सफाई होनी चाहिए और परिसर को कूड़े से मुक्त रखा जाना चाहिए।इन उपायों से पशुपालकों को अपने पशुओं के इलाज के लिए बेहतर सुविधाएँ मिल सकेंगी और उनकी समस्याएँ कम हो सकेंगी।