आज है हरियाली अमावस्या, एक क्लिक में जानें पूजा विधि, स्नान-दान और तर्पण मुहूर्त

आज है हरियाली अमावस्या, एक क्लिक में जानें पूजा विधि, स्नान-दान और तर्पण मुहूर्त

हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2025) सावन माह में मनाई जाती है। यह पितरों और भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन स्नान-दान और तर्पण का विशेष महत्व है, इससे दुखों का अंत होता है और जीवन में शुभता आती है।आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों के बारे में।

Hariyali Amavasya 2025: Today is Hariyali Amavasya, know the method of worship, bath-donation and tarpan muhurta in one click
हरियाली अमावस्या 2025: हरियाली अमावस्या 2025 पर स्नान-दान का समय।

मुख्य बातें :-
  • हरियाली अमावस्या आज मनाई जा रही है।
  • यह दिन पितरों और भगवान शिव को समर्पित है।
  • हरियाली अमावस्या पर तर्पण दान का विशेष महत्व है।


नई दिल्ली। आज सावन माह की हरियाली अमावस्या है। यह दिन प्रकृति, पितरों और भगवान शिव को समर्पित है। हरियाली अमावस्या पर स्नान, दान और पितरों को तर्पण करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन (हरियाली अमावस्या 2025) स्नान और दान करने से सभी दुख दूर होते हैं। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है। आइए जानें इस दिन से जुड़ी मुख्य बातें ताकि पूजा में कोई बाधा न आए।

Hariyali Amavasya 2025 स्नान-दान मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 4:45 बजे से प्रातः 5:29 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:19 बजे से 1:11 बजे तक
अमृत काल- दोपहर 2:26 बजे से 3:58 बजे तक
गुरु पुष्य योग- शाम 4:43 बजे से सुबह 6:13 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
अमृत सिद्धि योग- शाम 4:43 बजे से सुबह 6:13 बजे तक
हरियाली अमावस्या तर्पण मुहूर्त - दोपहर 12:19 बजे से दोपहर 1:11 बजे तक

Hariyali Amavasya पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि यह कठिन हो तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें।

सूर्य देव को जल अर्पित करें।

अपने पितरों की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करें।

हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण का विशेष महत्व है। ऐसे में इस दिन पीपल, नीम, बरगद, आंवला, अशोक, बिल्व पत्र आदि के पौधे लगाएं।

भगवान शिव को जल, दूध, बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, चंदन, फूल आदि चढ़ाएं।

'ओम नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें.

घर के मुख्य द्वार पर, तुलसी के पौधे के पास और पैतृक स्थान पर दीपक जलाएं।

अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें।

हनुमान चालीसा का पाठ करें.

Hariyali Amavasya पूजा मंत्र 2025

'ओम नमः शिवाय' 'तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि'। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
'अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरातरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्वे सर्वेभ्यः रुद्ररूपेभ्यः'॥
'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्'॥

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