उत्तर प्रदेश सचिवालय में अनुभाग अधिकारी के 405 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से लगभग 135 पद वर्तमान में रिक्त हैं। इससे कार्य प्रणाली प्रभावित हुई है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सचिवालय में अनुभाग अधिकारी के 405 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से लगभग 135 पद वर्तमान में रिक्त हैं। इससे कार्य प्रणाली प्रभावित हुई है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों, सचिवों और विशेष सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने विभागों में उपलब्ध अधिकारियों के बीच रिक्त अनुभाग अधिकारी के पदों का कार्यभार वितरण सुनिश्चित करें।
मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि रिक्त पदों के कारण प्रशासनिक कार्यों के सुचारू संचालन में बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं। ऐसी स्थिति में, उपलब्ध अनुभाग अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जाए ताकि आवश्यक कार्य समय-सीमा में पूरा किया जा सके।
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि यदि विभागीय स्तर पर किसी अनुभाग अधिकारी का कार्यभार किसी अन्य अनुभाग अधिकारी को सौंपा जाता है, तो इस संबंध में आदेश केवल उप मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव द्वारा ही जारी किए जाएँ। साथ ही, अतिरिक्त कार्यभार की जानकारी भी शासन को उपलब्ध कराई जाए।
पत्र में यह भी कहा गया है कि अनुभाग अधिकारियों के रिक्त पदों के कारण कोई भी प्रशासनिक कार्य लंबित नहीं रहना चाहिए और सभी विभाग अपने स्तर पर कार्य वितरण की प्रभावी व्यवस्था करें। मुख्य सचिव ने कहा कि उपलब्ध अनुभाग अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जाए और रिक्तियों के कारण कार्य बाधित न हो।
सचिवालय लंबे समय से जूझ रहा अनुभवी अधिकारियों की कमी
सचिवालय में अनुभवी अधिकारियों की कमी सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है। कुल 405 स्वीकृत पदों में से लगभग 135 पद लंबे समय से रिक्त हैं। परिणामस्वरूप, विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं और मुख्य सचिव से लेकर सचिव तक के अधिकारी लगातार अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
अधिकारियों की कमी के कारण विभागीय फाइलिंग और अभिलेख समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। यही कारण है कि कई महत्वपूर्ण निर्णय शासन स्तर पर लंबित हैं। सचिवालय प्रशासन विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिक्तियों के कारण अधिकारी अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ उठा रहे हैं, जिससे कार्यकुशलता प्रभावित हो रही है।