यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाती है, तो बीमा क्लेम की राशि किसे मिलेगी?

यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाती है, तो बीमा क्लेम की राशि किसे मिलेगी?

आज के समय में बीमा हर व्यक्ति के लिए एक ज़रूरी सुरक्षा कवच बन गया है। खासकर जीवन बीमा (Life Insurance) जो पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद उसके परिवार को आर्थिक मदद प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण साधन है।

यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाती है, तो बीमा क्लेम की राशि किसे मिलेगी?

हालांकि यह स्थिति आम नहीं है, लेकिन ऐसा हो सकता है और इसके लिए सभी बीमा कंपनियों की एक निश्चित प्रक्रिया होती है। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या होता है।

लेकिन एक अहम सवाल अक्सर उठता है कि यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद उसके द्वारा बनाए गए नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में क्लेम की राशि किसे मिलेगी?

हालांकि यह स्थिति आम नहीं है, लेकिन ऐसा हो सकता है और इसके लिए सभी बीमा कंपनियों की एक निश्चित प्रक्रिया होती है। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या होता है।

नॉमिनी कौन होता है?

बीमा पॉलिसी लेते समय, पॉलिसीधारक किसी एक व्यक्ति को नॉमिनी बनाता है। यह वह व्यक्ति होता है जिसे पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर बीमा राशि दी जाएगी। यह आमतौर पर जीवनसाथी, बच्चे या माता-पिता हो सकते हैं।

अगर नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाए तो क्या होगा?

अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद उसके नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी उस बीमा राशि को कानूनी उत्तराधिकारियों को दे देती है।

कानूनी उत्तराधिकारी कौन होते हैं?

ये वे लोग होते हैं जिनका कानून के अनुसार उस व्यक्ति की संपत्ति पर अधिकार होता है। इनमें आमतौर पर जीवनसाथी (पति/पत्नी), बच्चे, माता-पिता आदि शामिल होते हैं।

बीमा दावा पाने के लिए उत्तराधिकारी को क्या करना होगा?

ऐसी स्थिति में, बीमा कंपनी 'उत्तराधिकार प्रमाणपत्र' या 'वसीयत' मांग सकती है, जिससे यह साबित हो सके कि दावे के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति ही असली उत्तराधिकारी है।

उन्हें ये दस्तावेज़ जमा करने होंगे:
मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate)

पहचान पत्र  (ID Proof)

पॉलिसी दस्तावेज़

उत्तराधिकार प्रमाणपत्र
क्या पॉलिसी में नॉमिनी को बदला जा सकता है?

हाँ, पॉलिसीधारक अपने जीवनकाल में कभी भी नॉमिनी को बदल सकता है। यह प्रक्रिया बहुत सरल है और एक फॉर्म भरकर बीमा कंपनी को इसकी जानकारी दी जाती है। विशेषज्ञ हमेशा सलाह देते हैं कि अगर नॉमिनी की मृत्यु हो जाती है या परिवार में कोई बदलाव होता है, तो पॉलिसी में नॉमिनी का नाम तुरंत अपडेट करवाएँ।

अगर नॉमिनी की मृत्यु हो जाती है और पॉलिसीधारक की भी मृत्यु हो जाती है, तो बीमा राशि कानूनी उत्तराधिकारियों को दी जाती है, लेकिन इसके लिए सही दस्तावेज़ और कानूनी प्रमाण देना ज़रूरी है। इसलिए, बीमा पॉलिसी लेते समय नॉमिनी की जानकारी हमेशा अपडेट रखें, ताकि आपके जाने के बाद आपके परिवार को कोई परेशानी न हो।

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