अक्टूबर माह में प्रस्तावित विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान को लेकर ब्लाक स्तरीय अन्तर्विभागीय बैठक में प्रभावी नियंत्रण एवं कार्यवाही हेतु जोर दिया गया।
खास बातें :-
- बैठक में संचारी रोगों एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं कार्यवाही पर दिया गया जोर
- संचारी रोग नियंत्रण अभियान का तृतीय चरण आगामी 05 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलेगा
- डा. मयंक जलोटे - वेक्टर जनित रोग, संचारी रोग एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा त्वरित एवं सही उपचार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में
- कूलर, गमला टिन का डब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ्रिज के पीछे का कम्पे्रशन आदि की सफाई सप्ताह में एक बार करना नितांत आवश्यक : डा. धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी
- स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार ने संचारी रोगों के जिम्मेदार मच्छरों एवं उनके नियंत्रण के उपाय पर की चर्चा
- मलेरिया को फैलने से रोकना स्वयं हमारे हाथों में है : मलेरिया निरीक्षक अविनाश चन्द्रा
लखनऊ । सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, इन्दिरा नगर के अधीक्षक डा. मयंक जलोटे की अध्यक्षता में आगामी माह अक्टूबर में प्रस्तावित विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान तथा संचारी रोगों एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं कार्यवाही हेतु विभिन्न विभागों के निर्धारित कार्य एवं दायित्वों से अवगत कराने हेतु ब्लाक स्तरीय अन्तर्विभागीय बैठक का आयोजन.किया गया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग, आई0सी0डी0एस0, नगर निगम एवं एम्बेड-एफ0एच0आई0 के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस मौके पर डा. जलोटे ने बताया कि वेक्टर जनित रोग, संचारी रोग एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा इनका त्वरित एवं सही उपचार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान का तृतीय चरण आगामी दिनांक 05 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तथा दस्तक अभियान दिनांक 11 से 31 अक्टूबर 2025 तक चलाया जाएगा।
डा. जलोटे ने इस अभियान से सबंधित कार्ययोजना एवं सामान्य दिशा निर्देश, समय सारिणी प्रशिक्षण आदि तिथियां तथा विभिन्न विभागों के कार्यों एवं दायित्वों को ब्लाक स्तर पर अन्तर्विभागीय बैठक के माध्यम से साझा किया। उन्होंने बताया कि संक्रामक रोग डेंगू एवं मलेरिया की जांच प्रत्येक दिवस में निःशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि कोई भी बुखार होने पर बिना चिकित्सक के परामर्श के कोई भी दवा न लें, तत्काल आशा से सम्पर्क करे या नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर परामर्श ले। सही समय में पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतया स्वस्थ्य हो जाता है।
क्षेत्रीय समन्वयक एफ0एच0आई0 एम्बेड डा. घर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मलेरिया के लिए जिम्मेदार मादा एनाफिलीज मच्छर अपने एक अण्डे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह लगता है। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक बार ड्राई-डे मनाये जाने हेतु हर रविवार मच्छर पर वार एवं लार्वा पर प्रहार के माध्यम से बाती कहीं।
यदि किसी जल पात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली करना चाहिए, जैसे कूलर, गमला टिन का डब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ्रिज के पीछे का कम्पे्रशन आदि की सफाई सप्ताह में एक बार करना नितांत आवश्यक है। उन्होने मच्छर जनित रोगों के आंकडों के आधार पर उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की सूची को साझाा किया।
इस अवसर पर लैब टेक्निीशियन महेश कुमार, सुशील कुमार, देवेन्द्र वर्मा, रश्मि शुक्ला नगर निगम, फसी हुद्दीन शिक्षा विभाग शालिनी वालेण्टियर समन्वयक एम्बेड, रविन्द्र कुमार, राहुल, अमरेन्द्र उपस्थित रहे।