अगर आपकी kidney पहले से कमजोर है, या आपको किडनी से जुड़ी कोई पुरानी बीमारी है, तो बिना डॉक्टर से पूछे Kareka Juice पीना सही नहीं.यह पोटैशियम के स्तर को बिगाड़ सकता है या किडनी की सफाई की प्रक्रिया में रुकावट डाल सकता है.
करेले का जूस 1 दिन में कितना पीना चाहिए? | Is drinking karela juice daily food for your kidneys?
Is drinking karela juice daily food for your kidneys? करेला… सुनते ही ज़ुबान पर उसका कड़वापन चढ़ जाता है, लेकिन यही करैला सेहत के लिए किसी जड़ी-बूटी से कम नहीं. कई लोग इसे सब्ज़ी के रूप में खाते हैं, तो कुछ लोग इसका जूस बनाकर रोज़ पीते हैं.खासकर डायबिटीज़ के मरीज या जो लोग वजन घटाना चाहते हैं, उनके लिए करेला किसी वरदान जैसा माना जाता है. अब सवाल उठता है कि अगर कोई रोज़ करेले का जूस पीने लगे, तो इसका गुर्दों ( kidney) पर क्या असर होगा-
करेले का जूस पीने के फायदे:-
Sugar Level में सुधार: करेला एक तरह से Natural Insulin का काम करता है.यह खून में शुगर की मात्रा को संतुलित रखने में मदद करता है, खासकर Diabetes Type 2 के मरीजों के लिए.
पेट और पाचन की सफाई: करेले का जूस पाचन क्रिया को ठीक करता है और पेट में गैस, अपच या कब्ज़ जैसी समस्याओं से राहत देता है.
इम्युनिटी बूस्ट करता है: इसमें विटामिन C और कई Antioxidants होते हैं जो शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं.
वजन कम करने में मददगार: करेला कैलोरी में कम और फाइबर में ज़्यादा होता है, जिससे पेट भरा हुआ लगता है और ज़्यादा खाने की इच्छा नहीं होती.
रोज करेले का जूस पीने से किडनी पर क्या होगा असर?
किडनी को मिल सकता है थोड़ा आराम
करेले में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर से ज़हरीले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं.इससे किडनी पर सफाई का काम थोड़ा हल्का हो जाता है.अगर किडनी पूरी तरह स्वस्थ है, तो करेले का जूस फायदेमंद हो सकता है.
रोज करेले का जूस पीने के नुकसान | क्या करेले का जूस किडनी को खराब कर सकता है?
अगर सीमित मात्रा में पिया जाए (जैसे 50 से 100 मि.ली.), तो दिक्कत की बात नहीं है.लेकिन हर चीज़ की एक हद होती है.रोज़ बहुत ज़्यादा मात्रा में या लगातार महीनों तक करेले का जूस पीते रहना हर किसी के लिए सही नहीं.जानें क्यों?
kidney पर दबाव बढ़ सकता है: करेले में कुछ ऐसे यौगिक (जैसे चारंटिन, मोमोर्डिन) पाए जाते हैं जो ज़्यादा मात्रा में लेने पर किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
पथरी बनने का खतरा: करेले में ऑक्सलेट की मात्रा होती है.अगर ये शरीर में जमा हो जाए, तो किडनी स्टोन (पथरी) बनने की संभावना बढ़ जाती है.
ब्लड शुगर बहुत कम हो सकता है: खासकर अगर डायबिटीज़ के मरीज दवा के साथ-साथ करेला जूस भी लें, तो उनका शुगर लेवल अचानक गिर सकता है.इससे शरीर को झटका लग सकता है, और किडनी भी प्रभावित हो सकती है.
करेले का जूस हफ्ते में कितने दिन पीना चाहिए? | करेले का जूस पीने का सही तरीका
- हफ्ते में 2 से 3 दिन पीना फायदेमंद होता है.
- रोज पीने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
- थोड़ी मात्रा से शुरू करें और देखें कि आपका शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है.
- खाली पेट सुबह इसका सेवन करना सबसे अच्छा माना जाता है.
जिन्हें पहले से किडनी की दिक्कत है, वो सतर्क रहें
अगर आपकी किडनी पहले से कमजोर है, या आपको किडनी से जुड़ी कोई पुरानी बीमारी है, तो बिना डॉक्टर से पूछे करेले का जूस पीना सही नहीं. यह पोटैशियम के स्तर को बिगाड़ सकता है या किडनी की सफाई की प्रक्रिया में रुकावट डाल सकता है.
करेले का जूस 1 दिन में कितना पीना चाहिए?
स्वस्थ व्यक्ति 50-100 मि.ली. से ज्यादा न पिए. सुबह खाली पेट पिया जाए तो बेहतर होता है. अगर स्वाद बहुत कड़वा लगे, तो थोड़ा नींबू का रस या सेब का जूस मिलाकर पिया जा सकता है. हर रोज़ न पिएं, हफ्ते में 3 या 4 बार काफी है. हर 3-4 हफ्ते के बाद कुछ दिन का ब्रेक लें.
सावधानियां:-
अगर आपको मधुमेह है, तो करेले का जूस पीने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है.
करेले का जूस पीने से पहले अपने शरीर की प्रतिक्रिया को समझना जरूरी है.
अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है, तो करेले का जूस पीने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है.
करेले का जूस बनाने की विधि
करेला जूस बनाने का आसान और कम कड़वा तरीका
सामग्री:-
- 1 मध्यम आकार का करेला
- आधा नींबू (रस निकाल लें)
- थोड़ा सा अदरक (लगभग आधा इंच का टुकड़ा)
- 1 छोटा सेब या खीरा (स्वाद सुधारने के लिए – वैकल्पिक)
- एक चुटकी काला नमक या सेंधा नमक
- पानी
करेले का जूस कैसे बनाएँ:-
करेले को छीलकर उसके बीज निकाल दें। बीज और छिलका दोनों ही जूस को और कड़वा बना सकते हैं। चाहें तो करेले को टुकड़ों में काट लें, थोड़ा नमक डालें, 15 से 20 मिनट के लिए रख दें और फिर धो लें। इससे कड़वाहट कम हो जाएगी।
अदरक और सेब या खीरे को धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
अब, करेले, अदरक, सेब या खीरा, नींबू का रस और थोड़ा पानी डालकर ब्लेंडर या जूसर में पीस लें।
अगर आप जूस को ज़्यादा गाढ़ा नहीं करना चाहते, तो उसे छान लें।
स्वाद बढ़ाने और पाचन में मदद के लिए इसमें एक चुटकी काला नमक मिलाएँ।
सुझाव:-
जूस को थोड़ा ठंडा होने के बाद ही पिएँ; इससे कड़वाहट भी कम होती है।
जूस हमेशा ताज़ा बनाएँ और तुरंत पी लें। थोड़ी देर बाद यह और कड़वा हो जाता है। अगर आप मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए जूस पी रहे हैं, तो सेब न डालें; इसकी जगह खीरे या नींबू का रस मिलाएँ।
चेतावनी: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से किसी योग्य चिकित्सा पेशेवर की राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। " Purvanchal News Print " इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदार नहीं है।

