पृथक पूर्वांचल राज्य की मांग को लेकर 2013 से लगातार जमीन पर संघर्ष कर रहे संगठन Purvanchal Rajy Janandolan (पूर्वांचल राज्य जनांदोलन) ने आंदोलन के अगले चरण का बिगुल बजा दिया है.
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| फाइल फोटो |
- PRJ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज राही हिंदुस्तानी बोले , मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल में एक भी राज्य का नहीं हुआ गठन
- New Delhi India Gate पर प्रातः 9.30 से शाम 5 बजे तक शांतिपूर्ण धरने का आयोजन, अपराहन् तीन बजे Media को सम्बोधन के बाद होगा समापन
लखनऊ , पीएनपी नेटवर्क : पृथक पूर्वांचल राज्य ( Separate Purvanchal State ) की मांग को लेकर 2013 से लगातार जमीन पर संघर्ष कर रहे संगठन पूर्वांचल राज्य जनांदोलन ने आंदोलन के अगले चरण का बिगुल बजा दिया है. पीआरजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज राही हिंदुस्तानी ने बताया कि देश में आज़ादी के बाद से ही अनेक छोटे राज्यों के गठन की मांग सुशासन एवं विकास के साथ साथ सांस्कृतिक, भाषाई या भौगोलिक पहचान एवं अस्मिता की दृष्टि से चलती आई है जिसके चलते अनेक बार राज्यों का पुनर्गठन हुआ और हरियाणा, हिमांचल, गुजरात, आंध्र प्रदेश जैसे अनेक राज्य अस्तित्व में आये, सन 2000 में अटल सरकार ने भी उत्तराखण्ड, झारखंड और छतीसगढ़ तीन राज्यों का गठन कर इस क्रम को आगे बढ़ाया फिर 2014 में मनमोहन सरकार ने तेलंगाना राज्य का गठन कर यह क्रम जारी रखा, इसके बाद भी देश में जिन राज्यों के गठन की जरूरत महसूस होती है उनमे पूर्वांचल राज्य की मांग सबसे पुरानी है और हर लिहाज से जायज, पूर्वांचल का क्षेत्र प्रति व्यक्ति आय में देश के सबसे गरीब राज्य बिहार और यूपी के भी औसत से नीचे रहते हुए देश का सबसे गरीब क्षेत्र है जिसके विकास के लिए केंद्र सरकार के विशेष पैकेज के साथ साथ विशेषीकृत आर्थिक एवं औदयोगिक विकास की नीतियों की जरूरत है जो पृथक राज्य के गठन से ही सम्भव है जैसा कि उत्तराखण्ड के साथ हुआ और आज उत्तराखण्ड जो कभी उपेक्षित था यूपी से अलग हो यूपी की ढाई गुनी प्रति व्यक्ति आय रखता है।
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल में एक भी राज्य का गठन नहीं हुआ जबकि देश के पिछड़े अंचलों जैसे पूर्वांचल, बुंदेलखंड, विदर्भ, मरू भूमि के लोगों को मोदी सरकार से बड़ी आस थी इस आस को टूटता देख इस बार देश के अनेक पृथक राज्य आंदोलनों ने एक साथ नई दिल्ली से विगुल फूंकने का फैसला लिया है जिसके तहत पूर्वांचल राज्य जनांदोलन और बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के संयुक्त आह्वाहन पर देश के अनेक पृथक राज्य आंदोलनों के प्रतिनिधि तीन राज्यों के सृजन कर्त्ता पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को इंडिया गेट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नींद से झकझरोने के लिए एकत्र हो रहे हैँ जिसके तहत नई दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रातः 9.30 से शाम 5 बजे तक शांतिपूर्ण धरने का आयोजन किया गया है जो अपराहन् तीन बजे प्रेस को सम्बोधन के बाद समाप्त होगा।
बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने कहा कि बुंदेलखंड की भौगोलिक और सांस्कृतिक पहचान है लेकिन बुंदेलखंड के साथ छल हुआ और हमें पृथक राज्य देने के वजाय दो राज्यों यूपी और MP के बीच रेवड़ी की तरह तोड़कर दे दिया गया। पीआरजे के मुख्य कार्यकारी सयोजक राजेश पांडेय विजेता ने कहा कि पूर्वांचल को दशकों से सपने दिखाकर वोट बैंक बनाकर रखा गया और पूर्वांचल देश को प्रधानमंत्री देने की फैक्ट्री मात्र रह गया है।

