राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले (Red Fort ) के सामने सोमवार रात हुए एक उच्च-तीव्रता वाले कार बम विस्फोट (detonate the bombs) ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के सामने सोमवार रात हुए एक उच्च-तीव्रता वाले कार बम विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस आत्मघाती हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 20 से ज़्यादा घायल हो गए।
जांच में हरियाणा के फरीदाबाद से लेकर कश्मीर के पुलवामा तक फैले एक खतरनाक आतंकवादी नेटवर्क का पता चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, विस्फोटकों से लदी हुंडई i20 कार पुलवामा के डॉक्टर उमर मोहम्मद चला रहा था, जो इस समूह का एक प्रमुख सदस्य है और जिसे फरीदाबाद में 2,900 किलोग्राम विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया गया है। ANI (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी), IB (खुफिया विभाग), दिल्ली पुलिस Delhi Pilice और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर इस साज़िश का पर्दाफाश (Exposed) करने की कोशिश कर रही हैं।
Suicide Attack: फरीदाबाद समूह से सीधा संबंध
प्रारंभिक जाँच से स्पष्ट संकेत मिलता है कि यह एक सुनियोजित आतंकवादी हमला था। खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि i20 कार में उमर मोहम्मद सवार था, जो फरीदाबाद स्थित एक "सफेदपोश" आतंकवादी मॉड्यूल का हिस्सा था। इस मॉड्यूल के दो अन्य डॉक्टर - मुज़म्मिल शकील और आदिल राथर - हाल ही में गिरफ्तार किए गए थे, जिससे उमर घबरा गया और उसने बम विस्फोट कर दिया।
चालक के शरीर से प्राप्त डीएनए नमूना इस परिकल्पना की पुष्टि करेगा। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के कोइल गाँव का निवासी उमर (जन्म 24 फ़रवरी, 1989) एक मेडिकल डॉक्टर है। उसने श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की, अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट फिजिशियन के रूप में काम किया और बाद में फरीदाबाद के अल-फ़लाह मेडिकल कॉलेज में काम किया।
उमर का जैश-ए-मोहम्मद से संबंध: कट्टरपंथी डॉक्टरों का समूह
उमर उसी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) सेल से जुड़ा है जिसके सात सदस्यों को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से 2,900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट सहित विस्फोटक जब्त किए गए थे।
माना जाता है कि उमर टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड चैनलों पर सक्रिय कट्टरपंथी डॉक्टरों के नेटवर्क का मुख्य व्यक्ति है। उसके सहयोगी, तारिक (पुलवामा के शंभूरा गाँव का निवासी) ने कार खरीदी थी, जो बाद में उमर को दी गई। तारिक को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उमर की माँ और भाई को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
विस्फोट का विनाशकारी प्रभाव: आवाज़ 2 किमी दूर तक गूँजी
शाम 6:52 बजे, लाल बत्ती पर रुकी एक i20 कार में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) फट गया। आवाज़ इतनी तेज़ थी कि इसकी आवाज़ ITO (लगभग 2 किमी) तक सुनी गई। विस्फोट से आस-पास के तीन वाहनों में आग लग गई, एक मेट्रो स्टेशन के शीशे टूट गए और कई लोगों के शरीर के अंग बिखर गए।
दिल्ली पुलिस, एनएसजी, एनआईए और फोरेंसिक टीमें घटनास्थल पर पहुँचीं। अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल की पुष्टि हुई - वही जो फरीदाबाद में भी मिला था। क्या यह एक समयबद्ध उपकरण था या उमर ने खुद इसे चलाया था? यह सवाल जाँच के लिए महत्वपूर्ण है।
कानूनी कार्रवाई: UAPA के तहत पुलिस FIR गृह मंत्री के साथ उच्च स्तरीय बैठक
दिल्ली पुलिस ने यूएपीए (आतंकवाद विरोधी अधिनियम) की धारा 16 और 18, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4, और हत्या/हत्या के प्रयास के आधार पर कोतवाली थाने में पुलिस रिपोर्ट दर्ज की है। मामला एनआईए (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) को भेजा जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा से फ़ोन पर बात की और एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया और घायलों को तत्काल सहायता प्रदान करने के आदेश दिए।
जटिल कार पथ: i20 कई हाथों से गुज़री
हरियाणा नंबर प्लेट (HR-26) वाली यह सफ़ेद i20 कार कई बार बेची जा चुकी है। इसके असली मालिक मोहम्मद सलमान ने इसे डेढ़ साल पहले ओखला में देवेंद्र को बेचा था, जिन्होंने इसे अंबाला में किसी को ट्रांसफर कर दिया। यह गाड़ी पुलवामा में तारिक के पास पहुँची, फिर फरीदाबाद में रॉयल कार ज़ोन डीलरशिप से होते हुए अंततः उमर के पास पहुँची। सलमान और तारिक से पूछताछ की जा रही है। ट्रैफ़िक रिकॉर्ड अवैध स्थानांतरण का खुलासा कर रहे हैं।
जांच में शामिल एजेंसियाँ: बहु-राज्यीय अभियान
यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर का है। दिल्ली पुलिस के अलावा, विशेष इकाई, अपराध शाखा, एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा बल), एनआईए (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी), और एफएसएल (फोरेंसिक प्रयोगशाला), उत्तर प्रदेश की एटीएस (आतंकवाद-रोधी इकाई), हरियाणा पुलिस, गुजरात पुलिस और खुफिया विभाग भी इसमें शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा में तलाशी ली। फोरेंसिक टीमें जले हुए वाहनों, सड़क पर बिखरे मलबे और विस्फोटकों के प्रकार की जाँच कर रही हैं। सुरक्षा कैमरे की फुटेज से उमर की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
मृतकों के नाम: कई अभी भी अज्ञात हैं
पीड़ितों में अमरोहा के अशोक कुमार और श्रीनिवास पुरी के दवा व्यापारी अमर कटारिया शामिल हैं। कई शवों की पहचान अभी बाकी है। घायलों को LNJP Hospital; में भर्ती कराया गया, जहां CM Rekha Gupta ने दौरा किया।
इस हमले ने पूरे एनसीआर को हाई अलर्ट पर डाल दिया। क्या उमर मास्टरमाइंड था या सिर्फ एक कड़ी? जांच आगे बढ़ेगी, तो और राज खुलेंगे।

