भारत सरकार ने IDBI Bank में अपनी मेजोरिटी हिस्सेदारी (majority stake) की लंबे समय से इंतज़ार की जा रही बिक्री को तेज़ कर दिया है।
Business News : भारत सरकार ने IDBI बैंक में अपनी मेजोरिटी हिस्सेदारी की लंबे समय से इंतज़ार की जा रही बिक्री को तेज़ कर दिया है। सरकार की योजना बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचकर लगभग 64,000 करोड़ रुपये जुटाने की है। बोली लगाने की प्रक्रिया की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और संभावित खरीदारों के साथ बातचीत एडवांस स्टेज पर है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकारी एजेंसी इस महीने औपचारिक रूप से बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। अगर यह ट्रांज़ैक्शन पूरा हो जाता है, तो यह दशकों में किसी सरकारी बैंक का पहला बड़ा प्राइवेटाइज़ेशन (privatization) होगा।
सरकार और LIC की हिस्सेदारी कितनी है?
केंद्र सरकार और लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (LIC) के पास अभी IDBI बैंक के लगभग 95% शेयर हैं। सरकार अपनी 30.48% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है, जबकि LIC अपनी 30.24% हिस्सेदारी के साथ एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल भी ट्रांसफर करेगी।
हाल के सालों में, बैंक ने अपने नॉन-परफॉर्मिंग लोन को काफी कम किया है और कैपिटल सपोर्ट और तेज़ी से सुधार की कोशिशों की वजह से मुनाफे में लौट आया है। कभी बड़े घाटे वाला बैंक, अब निवेशकों के लिए आकर्षक बन गया है।
उदय कोटक बोली लगाने की होड़ में सबसे आगे
सूत्रों के मुताबिक, कोटक महिंद्रा बैंक, एमिरेट्स NBD, और फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स ( Kotak Mahindra Bank, Emirates NBD, and Fairfax Financial Holdings) ने दिलचस्पी दिखाई है। एशिया के सबसे अमीर बैंकर उदय कोटक के सपोर्ट वाले कोटक को अभी सबसे आगे बोली लगाने वाला माना जा रहा है। कनाडाई अरबपति प्रेम वत्स के मालिकाना हक वाली फेयरफैक्स, और मिडिल ईस्टर्न बैंक एमिरेट्स NBD भी हिस्सा लेने पर विचार कर रहे हैं।

