आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट का दो-दिवसीय चौथा राष्ट्रीय अधिवेशन रविवार नई दिल्ली स्थित सुरजीत भवन में शुरू हुआ।
- हिन्दुत्व-कॉरपोरेट गठजोड़ से मुकाबले हेतु राष्ट्रीय साझा राजनीतिक मंच वक्त की जरूरत
- जन सवालों पर राष्ट्रीय पहलकदमी की अपील
पीएनपी नेटवर्क / नई दिल्ली
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट AIPF का दो-दिवसीय चौथा राष्ट्रीय अधिवेशन The two-day fourth national convention रविवार नई दिल्ली New Delhi स्थित सुरजीत भवन में शुरू हुआ। अधिवेशन के पहले खुले सत्र की अध्यक्षता प्रो. अरुण कुमार, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी, नव निर्माण कृषक दल के अक्षय कुमार, स्वराज इंडिया के उपाध्यक्ष प्रो. अजीत झा, राष्ट्र उदय पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम पाल, तमिज पीपुल्स फ्रंट के पांडियन, कर्नाटक जन शक्ति की बिट्टू, सीए अतहर रहमान, डॉ. सरफराज, झारखंड नव निर्माण दल की पुष्पा उरांव और सुनीता साह ने संयुक्त रूप से की। अधिवेशन के खुले सत्र का संचालन गांधीवादी आचार्य शुभमूर्ति जी ने किया।
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अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने अधिवेशन में उपस्थित मित्र संगठनों के प्रतिनिधियों, अतिथियों और नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि भारतीय गणराज्य के सामने हिंदुत्व कॉर्पोरेट गठजोड़ ने जो गहरा और विनाशकारी संकट पैदा किया है। उसके विरुद्ध देश में एक व्यापक राजनीतिक साझा मंच की बेहद जरूरी है।
राष्ट्रीय अधिवेशन के अध्यक्ष मंडल की ओर से प्रो. अरुण कुमार ने आज के दौर में राष्ट्रीय पहलकदमी के लिए जरूरी सवालों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि आर्थिक सवालों के साथ-साथ सामाजिक सरोकार के सवालों को भी उठाना होगा।
अधिवेशन में सीपीआई (एम) के पूर्व महासचिव कामरेड प्रकाश करात, भारत सरकार के पूर्व वाणिज्य सचिव और योजना आयोग के सदस्य रहे एस. पी. शुक्ला और सामाजिक राजनीतिक चिंतक प्रेम कुमार मणि का शुभकामना संदेश रखा गया।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि रोजगार के सवाल पर पूरे देश में नागरिक समाज समेत सभी संगठनों की एक बड़ी पहलकदमी ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एआई के दौर में रोजगार और संसाधनों के बंटवारे का सवाल दुनियाभर में आ रहा है।
उड़ीसा में काम कर रहे नवनिर्माण कृषक दल के संयोजक अक्षय भाई ने उड़ीसा में कॉर्पोरेट घरानों द्वारा की जा रही लूट को अधिवेशन में रखा और राष्ट्रीय स्तर पर सालभर की पहलकदमी लेने का प्रस्ताव रखा। कर्नाटक जनशक्ति की बिट्टू ने कर्नाटक में चले हुए विभिन्न आंदोलनों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा को हराने में कर्नाटक में नागरिक समाज ने भी एक बड़ी भूमिका ली थी और जन सवालों पर मौजूदा सरकार से भी आंदोलन जारी है।स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर अजीत झा ने कहा कि अपनी संकीर्णता को छोड़कर हमें व्यापक दायरे में एकता बनानी चाहिए।
सत्र के अंत में वक्ताओं द्वारा राष्ट्रीय मंच बनाने और पहलकदमी में लेने के सुझाव पर बात रखते हुए आचार्य शुभमूर्ति ने कहा कि दो दिन तक चलने वाले सम्मेलन में इस पर बातचीत की जाएगी।



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