इलेक्ट्रिक पावर का उत्पादन घटाने के बजाय कृषि कार्यों के लिए दी जाए बिजली रमजान व लॉक डाउन में बंद हो बिजली कटौती :अजय राय

इलेक्ट्रिक पावर का उत्पादन घटाने के बजाय कृषि कार्यों के लिए दी जाए बिजली रमजान व लॉक डाउन में बंद हो बिजली कटौती :अजय राय

 
लखनऊ। लॉक डाउन व  रमजान के महीने में भी तय रोस्टर के हिसाब से भी नहीं मिल रहा हैं।
रोस्टर के हिसाब से बिजली न मिलने के लिए देखरेख करने वाले ठेकेदार नहीं सरकार की नीतियां जबाब जिम्मेदार हैं। उक्त आरोप स्वराज अभियान व  किसान मंच के नेता अजय राय ने लगाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय जब लॉक डाउन में जब सब लोग घर पर है और इंडस्ट्री व व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद होने से बिजली की उपलब्धता उत्पादन से ज्यादा हो गई है। लेकिन फिर भी उत्पादन कम करके लगातार बिजली कटौती पर रोक लगाने व किसानों को पर्याप्त घंटे की बिजली व रोस्टर के हिसाब से शहरों व गांवों में आपूर्ति करना जरूरी हो गया है।
लॉकडाऊन के पहले तक एक लाख 15 हजार मेगावाट बिजली की खपत .... श्री राय ने कहा कि लॉक डाउन के पहले एक लाख 15 हजार बिजली की खपत होती थी। लेकिन मौजूदा समय में करीब एक लाख हजार मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। लिहाजा तमाम बिजली ईकाइयों को बंद करना पड़ा है या कम क्षमता से चलाई जा रही है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जब तक इंडस्ट्रीज व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में बिजली की खपत आम दिनों के सापेक्ष कम रहती है, जैसे देश में हालात हैं, उसमें यह स्थिति 2-3 महीने तक बनी रह सकती है। ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि कृषि कार्यों के लिए बिजली की आपूर्ति 24 घण्टे करे जिससे किसानों को भारी लाभ भी पहुंचेगा और कृषि कार्यों में डीजल की खपत में भी कमी होगी और कृषि लागत में भी कमी आयेगी।          कृषि कार्य से बिजली की मांग बढ़ी...इस वक्त गन्ना, पिपरमिंट, सब्जियों से लेकर तमाम फसलों के लिए सिंचाई एवं मड़ाई में भी बिजली की भारी मांग है। योगी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए घरेलू व कृषि कार्यों के लिए अलग अलग फीडर बना कर पूर्ववर्ती सरकार में 18 घण्टे मिलने वाली बिजली को कृषि कार्यों के लिए 10 घण्टे कर दिया है जिससे किसानों को समुचित बिजली न मिलने से डीजल चालित मशीनों पर निर्भरता बढ़ने से लागत मूल्य में भी इजाफा हुआ है। ऐसी स्थिति में यह उचित होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों व शहरों को 24 घण्टे बिजली मुहैया कराना सुनिश्चित कराये और पूरे देश में भी इसे कम से कम अंतरिम व्यवस्था के तमत लागू किया जाना किसानों और जनहित में होगा। उन्होंने यह भी कहा कि रोस्टर के हिसाब से बिजली नहीं आपूर्ति करने के लिए ठेकेदार नहीं सरकार व बिजली विभाग जबाब देह हैं सरकार के कुछ जनप्रतिनिधियों ने बिजली की रमजान के महीने में आपूर्ति न होने के लिए स्थानीय ठेकेदार के ऊपर दोष देना उचित नहीं है।