पूर्वांचल न्यूज प्रिंट(विशाल कुमार पटेल), चन्दौली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते ग्रामीण इलाकों में भी दहशत का माहौल है। आमतौर पर इस बीमारी से गांव बहुत सुरक्षित माना जाता था। लेकिन जब से दूसरे प्रदेशों से लौटकर लोग गांवों में पहुँचे हैं तब से वहां भी आशंका के बादल मंडराने लगे हैं। इस समय स्थिति यह है कि ग्रामीणों ने अपनों से ही दूरी बना ली है,जो कि जरूरी भी है। शुक्रवार को सकलडीहा विकास खण्ड के बठ्ठी गांव में ग्राम प्रधान की देखरेख में गलियों में दवाओं का छिड़ किया गया। ज्ञातव्य हो कि लॉकडाउन की घोषणा होते ही शहरों में फंसे लोगों ने गांवों की तरफ़ रुख किया। अन्य राज्यों से पहुँचने वालों की संख्या गांवों में जैसे-जैसे बढ़ती गई वैसे-वैसे ग्रामीण इलाकों में भी भय का माहौल बनने लगा।लिहाज़ा ग्रामीणों में सतर्कता बढ़ गई है। लोग अपने घरों से बाहर न निकलकर लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं। यहां लगातार साबुन से हाथ धुलकर लोग पूरा एहतियात बरत रहे हैं।सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
अच्छी ख़बर यह है कि महामारी से बचाव के लिए ग्राम प्रधानों ने भी सक्रियता दिखाई है। शुक्रवार को सकलडीहा विकास खंड के बठ्ठी गांव में जगह-जगह दवाइयों का छिड़काव कराया गया। कुछ दिन पहले ही यहाँ के महिला प्रधान पूनम सिंह के पति राजेन्द्र प्रताप सिंह ने गरीबों में खाद्यान का वितरण किया था। वहीं जनपद में कई संस्थाओं ने मास्क,साबुन व सेनेटाइजर भी बाटें। लेकिन जरूरत इस बात की है कि यह कार्य सिर्फ़ रस्मअदायगी भर न रहकर ज़मीनी स्तर पर पूरा होना चाहिए। संकट के समय में एकजुटता ताकत बढ़ाती है।इससे बड़ी-से-बड़ी समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाता है। वहीं दूसरे प्रदेशों से आए हुए लोग भी अपनी जिम्मेदारी समझें।अपने परिवार की सलामती के लिए 14 दिनों तक होम क्वारंटीन में अवश्य रहें।उसे किसी से भी मिलना-जुलना नहीं चाहिए।अगर उनके आसपास कोई है तो पर्याप्त दूरी बनाकर रहें।इस संदर्भ में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन करते रहें क्योंकि सतर्कता व सावधानी अपनाकर ही इस बीमारी को हराया जा सकता है।