By: Harvansh Patel, लखनऊ। कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन के चलते अब भाजपा को महसूस होने लगा है कि लोग खुलकर मदद लेने क्यूं नहीं आ रहे हैं। इसमें सबसे अधिक मध्यम वर्गीय परिवार है जिसका लाख परेशानियों के बावजूद सरकारी सहायता जैसे खाद्य सामग्री आदि मदद लेने की ओर झुकाव नहीं हो रहा है। इससे उनको लोक लज्जा कहा जाए या शासन सत्ता के प्रति अंदरूनी विक्षोभ माना जाए। जब यह भाजपा को महसूस हुआ तो उसने मदद की रणनीति बदल दी है। पता चला है कि इसके चलते गुपचुप तरीके से मदद करेगी। ऐसे लोगों को चिह्नित कर सूची तैयार करने की जिम्मेदारी जमीनी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है ताकि पहचान उजागर किए बगैर राहत सामग्री मुहैया कराई जा सके। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का निर्देश प्राप्त होने के बाद जनपद और मंडल स्तर के पदाधिकारी इस मंशा को अमलीजामा पहनाने में जुट गए हैं और रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
कोरोना संक्रमण के दौर में गरीबों को तो सरकार की ओर से राहत सामग्री मिल रही है लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनकी जमा पूंजी समाप्त हो गई है लेकिन किसी के सामने हाथ फैलाने से झिझक रहे हैं। उनका स्वाभिमान इसके आड़े आ रहा है। कई ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं। यह स्थिति पार्टी के भीतर भी होने लगी है। सत्ताधारी पार्टी भाजपा इस बात से चिंतित हैं कि मध्यमवर्गीय परिवार की कैसे मदद की जाए। इसी नजरिये से अब भाजपा के कार्यकर्ता उन्हें खाद्यान्न के साथ वह सारी चीजें पहुंचाएंगे, जिससे उनको राहत मिल सके ताकि जीवनयापन में दिक्कत महसूस न होने पाए। कोरोना संक्रमण के इस दौर में गरीब तो बेहाल है ही मध्यम वर्ग भी बेहाल है। जिसकी नौकरी छूटी वह वेतन के लिए परेशान है जिसका रोजगार छूटा वह भी परेशान है। कुछ परिवार ऐसे हैं, जो भले ही सामाजिक दृटिकोण से संपन्न हैं लेकिन आमदनी रुकने से घर के अनाज के बर्तन खाली हो चुके हैं, न बैंक खाते में पैसे हैं और न ही कोई अन्य स्रोत। ऐसे लोग अपना स्वाभिमान बचाने को किसी से कुछ मांग तो नहीं सकते लेकिन व्यवस्था को जरूर कोसने शुरू कर दिया है। केवल पूर्वांचल की बात की जाए तो कई ऐसे घर हैं जो देखने में संपन्न लगते हैं लेकिन सुविधाओं के नाम पर शून्य हैं। इसी के मद्देनजर पार्टी ने निर्देश दे रखा है कि
जिला व मंडल स्तर पर कार्यकर्ता ऐसे लोगों की गोपनीय सूची तैयार कर प्रदेश नेतृत्व को अवगत कराएं। उनके घर व्यक्तिगत रूप से कोई ऐसे समय पर जाए जिससे उनकी मान प्रतिष्ठा पर आंच न आने पाए। उनकी मदद करें और बताएं कि पार्टी उनके साथ है, उनकी बराबर देखभाल होगी। इसका कोई प्रचार भी न होने पाए। ऐसे व्यक्ति की पहचान भी उजागर नहीं होनी चाहिए। भाजपा लखनऊ के एक भरोसेमंद नेता ने बताया की लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों के साथ निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों के समक्ष भी खाद्यान्न व भोजन की समस्या उत्पन्न हो रही है। ऐसे लोग सीधे किसी से मदद लेने में संकोच कर रहे हैं। पार्टी इनकी पूरी मदद करेगी। शीर्ष नेतृत्व ने पदाधिकारियों को अपनी मंशा से अवगत करा दिया है।