चन्दौली। पहाड़ी इलाके में किसानों की तर्ज़ पर तेंदू पत्ता मजदूरों को भी तेंदू पत्ता तोड़ने के लिए छूट मिलनी चाहिए। यह कहना है स्वराज अभियान के नेता व मजदूर किसान मंच के जिला प्रभारी अजय राय का। काशी वन्य जीव प्रभाग में तेंदू पत्ता के संग्रहण का कार्य वैसे तो एक मई से अभियान चलाकर प्रारंभ होता है। लेकिन इस अभियान की सफलता के लिए अप्रैल माह के प्रथम पखवारे में ही सेक्शन व इकाई अधिकारियों की नियुक्ति कर प्रशिक्षित करने का कार्य कर लिया जाता है। साथ ही फड़ों की संख्या व पत्ता संग्रहण के लिए लक्ष्य आदि का निर्धारण का कार्य पूरा कर लिया जाता था। यक्ष प्रश्न बना है तेंदू पत्ते की तुड़ाई! : कोरोना की वैश्विक महामारी के कारण लाकडाउन हैं इसलिए विभाग भी सक्रिय नहीं दिख रही है। जिसके कारण अभी इसके लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई हैं। अभी तेंदू पत्ता संग्रह को लेकर तेंदू पत्ता मजदूरों व विभाग के बीच संशय बना हुआ हैं जबकि पिछले वर्ष निगम ने चकिया सेक्शन में 7 इकाई गठित कर 22 फड़ की स्थापना की थी । छीतमपुर ईकाई में वनविषमपुर ढोढनपुर ,छीतमपुर ,पोखरियाडीह ,मुसाखाड़ ईकाइ में विजयपुरवा भादरखड़ा,पचफेडिया ईकाई में मुज्जफरपुर , दूबेपुर शिकारगंज ईकाई में नेवाजगंज शिकारगंज पुरानाडीह , बोदलपुर चिल्राह , लेहरा जमसोती ईकाई में लेहरा गोडटुटवा ,जमसोती मुवारकपुर ईकाई में परना ,भभौरा ,शिंकारे सहित कई जगह फड़ खुला था इस वर्ष का लक्ष्य है पता नहीं -: इस बार क्या लक्ष्य है और उसका मानक यह पता नहीं चल पा रहा है। मानक क्या है तेंदू पत्ता की तोड़ाई होगी की नहीं। क्या किसानों की तरह इनके लिए छूट की घोषणा होगी ,यह सब अभी यक्ष प्रश्न बना
हुआ है। तेंदू पत्ता तोड़ने वाले मजदूरों के लिए यह महीने बड़ा रोजगार देने वाला होता था। लहकती धूप में तेंदू पत्ता तोड़ कर मजदूर एक बड़ा रोजगार पा जाते थे। सरकार की तरफ से पानी पीने के लिए पानी झोला व गुड़ देने का प्रावधान रहता था लेकिन उनको यह सब नहीं मिलता था। सुबहे सुबह शुरू हो जाती थी पत्ते की तुड़ाई: पत्ता संग्रहण अभियान में मजदूर अल सुबह जंगलों की ओर निकल जा रहे हैं। साथ ही तेज धूप होने के पूर्व पत्ता तोड़ाई कर वापस लौटते हैं। तोड़ाई किए गये पत्तों को अपने ही घर सुखाने से लगायत बंडल बनाने के कार्य को अंजाम देने के लिए प्रयास करते है। ताकि तेंदू पत्ते के झाल वन निगम के निर्धारित फड़ पर देकर दाम वसूला जा सके। वन निगम का पिछली मानक था कि एक गड्डी में पचास बीडी बनाने का पत्ता हो लेकिन यही लिया जा रहा है सत्तर पत्ते की गड्डी वहीं सौ- सौ गड्डी मुफ्त मे इस शोषण होता रहा है। स्वराज अभियान और मजदूर किसान मंच के जिला प्रभारी अजय राय ने कहा तेंदू पत्ता मजदूरों को किसानों की छूट के तर्ज पर तेंदू पत्ता तोड़ाई करने और वन निगम द्वारा निर्धारित फड़ नहीं होने की स्थिति में में वन निगम घर घर जाकर तेंदू पत्ता की बंडल की खरीद करें और तुंरत उनकी मजदूरी का भुगतान की मांग उठाया।