लखनऊ। पूंजीपतियों को तरह तरह की छूट वही कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता (DA) काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है उक्त बातें आज कई कर्मचारियों व पेशन भोगियों से बात करने के बाद स्वराज अभियान के नेता अजय राय ने कहा।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संकटकाल में भारत सरकार ने अपने अधीन काम कर रहें और कर चुके सभी कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते पर डेढ़ साल के लिए रोक लगा दिया हैं । यह आदेश राज्य सरकार के कर्मचारियों पर भी लागू होगी वहीं पहले ही कई विभाग के कर्मचारियों की एक दिन वेतन लेने का आदेश दिया जा चुका है और वही बहुत कर्मचारियों ने पहले ही अपने वेतन में से एक दिन का वेतन दे चुके हैं आप जानते है कि कोरोना महामारी के संकटकाल में अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर लाखों की संख्या में कर्मचारी काम कर रहे हैं लेकिन अभी भी इस महामारी के समय भी मोदी जी की सरकार कार्पेट घरानों की मुनाफा देने वाली राजनीति कर रही हैं और देश से विदेशी पूंजी देश से भाग न जाए इसलिए न तो तो बहुत जनकल्याण पर खर्च कर रहीं हैं वहीं कार्पेट घरानों पर कोई टैक्स भी नहीं लगा रहीं हैं उल्टे उन्हें राहत देने के लिए श्रमकानूनो को कमजोर कर रहीं हैं! काम के घंटें आठ घंटे की जगह बारह घंटे किया जा रहा है!
उन्होंने कहा कि मोदी जी की सरकार देशी विदेशी पुंजी की रक्षा के लिए मजदूरों, कर्मचारियों व मेहनतकशों के हर तबके पर हमला कर रहीं हैं!
उन्होंने कहा कि कई बैंक के कर्मचारियों सहित कई पेशन भोगियों ने कहा कि हमसे ही बलिदान क्यों, सरकार को खुद कई फिजूल खर्चे में कटौती करके और पुंजीपतियों पर टैक्स लादकर कर अर्थव्यवस्था को ठीक कर सकती हैं लेकिन सरकार का पूंजीपतियों को तरह तरह की छूट दे रहीं हैं वहीं केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता (DA) काट कर सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय ले रहीं हैं।