बड़ी खबर: कृषि क्षेत्र के लिए घोषित पैकेज किसानों के साथ धोखाधड़ी-अजय राय

बड़ी खबर: कृषि क्षेत्र के लिए घोषित पैकेज किसानों के साथ धोखाधड़ी-अजय राय


 
◆ विरोध दिवस के दूसरे दिन उपजिलाधिकारी चकिया व तहसीलदार नौगढ़ को सौंपा गया किसान मांग पत्र                                    ◆ किसान बचाओ - देश बचाओ नारे के साथ विरोध दिवस पर कर्ज माफी व राहत पैकेट की मांग मजदूर किसान मंच ने उठाई
 
चकिया /चन्दौली:  केंद्र सरकार के समक्ष किसानों के लिए राहत की मांग पर दो दिन से हो रहे विरोध दिवस पर किसान बचाओ - देश बचाओ नारे के साथ कर्ज माफी व राहत पैकेट की मांग मजदूर किसान मंच ने उठाई. इस अवसर पर अजय राय ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए घोषित पैकेज किसानों के साथ धोखाधड़ी है. आगे कहा - इसका लाभ खेती-किसानी करने वालों को नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र में व्यापार करने वाली कॉर्पोरेट कंपनियों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह पैकेज किसानों और प्रवासी मजदूरों की रोजी-रोटी,उनकी आजीविका और लॉक डाऊन में उनको हुए नुकसान की भरपाई नहीं करती और किसानों को मान - सम्मान देने का उनका दावा केवल जुमलेबाजी है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर मजदूर किसान मंच ने चकिया नौगढ़ में दूसरे दिन भी विरोध दिवस लॉकडाउन के नियम को पालन करते हुए अपने घरों पर ही धरना दिया. नौगढ़ में धरने पर बैठे मजदूर किसान मंच के जिला सह संयोजक रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि गरीबों और प्रवासी मजदूरों को सुरक्षा देने में सरकार असफल रहीं है. आज जरूरत है कि हजारों फल सब्जी उत्पादक किसानों को जिनकी फसल बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई , उन किसानों को न्याय योजना में शामिल किया जाए. 
 कोरोना महामारी के खत्म होने तक ग्रामीण परिवारों को हर माह 10000 रुपये की नगद मदद करने, हर व्यक्ति को 10 किलो खाद्यान्न हर माह मुफ्त देने, खेती-किसानी और आजीविका को हुए नुकसान की भरपाई करने, किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सी-2 लागत मूल्य का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में देने की मांग उठाई गई.             किसानों को बैंकिंग और साहूकारी कर्ज़ के जंजाल से मुक्त करने और प्रवासी मजदूरों को बिना यात्रा व्यय वसूले उनके घरों तक सुरक्षित ढंग से पहुंचाने समेत कई मांगों को लेकर चकिया में उपजिलाधिकारी व नौगढ़ में तहसीलदार के माध्यम से प्रधानमंत्री भारत सरकार को पत्र भेजा गया.