चन्दौली: बढ़ गई महंगाई, पर नहीं बढ़ा तेंदू पत्ता तोड़ने वाले मजदूरों की मजदूरी, हाय रे! योगी सरकार

चन्दौली: बढ़ गई महंगाई, पर नहीं बढ़ा तेंदू पत्ता तोड़ने वाले मजदूरों की मजदूरी, हाय रे! योगी सरकार



                                                              ● स्वराज अभियान के नेता अजय राय ने कहा- पहाड़ी इलाके में तेंदू पत्ता मजदूरों को तेंदू पत्ता तोड़ने के लिए पुरानी ही मजदूरी दी जा रही है. इस महंगाई में उनकी मजदूरी बढ़ाने की जरूरत है.●

Purvanchal News Print                       चन्दौली:  वैश्विक महामारी के समय जब मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या जबरदस्त हैं. इस समय मनरेगा की तरह ही पहाड़ी इलाके में तेंदू पत्ता की तोड़ाई से मजदूरों को रोजगार मिलता है और कुछ दिन ही सही लेकिन कुछ मजदूरी तो मिलती ही जाती है. लेकिन काशी वन्य जीव प्रभाग के वन निगम के द्वारा तेंदू पत्ता के संग्रहण का कार्य लॉकडाउन से प्रभावित हुआ है.                                     हर साल एक मई से अभियान चलाकर प्रारंभ होता है. इस अभियान की सफलता के लिए अप्रैल माह के प्रथम पखवारे में ही सेक्शन व इकाई अधिकारियों की नियुक्ति कर प्रशिक्षित करने का कार्य कर लिया जाता था, साथ ही फड़ों की संख्या व पत्ता संग्रहण के लिए लक्ष्य आदि का निर्धारण का कार्य पूरा कर लिया जाता था.                              लेकिन कोरोना की वैश्विक महामारी के कारण लॉकडाउन है, इसलिए विभाग भी  सक्रियता में देरी हुई. जिसके कारण यह काम देर से शुरू हुई  है. तेंदू पत्ता संग्रह को लेकर तेंदू पत्ता मजदूरों व विभाग के बीच जो संशय था वह अब खत्म हो चुका है.          वन निगम द्वारा नियुक्त सेक्शन इन्चार्ज वी के रूद्र के अनुसार पिछले वर्ष निगम की तरह ही चकिया सेक्शन में  6 इकाई गठित कर 22 फड़ की स्थापना की गई है. छीतमपुर ईकाई में वनविषमपुर ढोढनपुर ,छीतमपुर ,पोखरियाडीह ,मुसाखाड़ ईकाइ में विजयपुरवा भादरखड़ा,पचफेडिया ईकाई में मुज्जफरपुर , दूबेपुर शिकारगंज ईकाई में नेवाजगंज शिकारगंज पुरानाडीह , बोदलपुर चिल्राह , लेहरा जमसोती ईकाई में लेहरा गोडटुटवा ,जमसोती मुवारकपुर ईकाई में परना ,भभौरा ,शिंकारे सहित कई जगह फड़ खुल चुका है. इस वर्ष का भी लक्ष्य पिछले साल का ही निर्धारित किया गया है.                           इसमें मानक भी वहीं है. पूरे क्षेत्र में तेंदू पत्ता की तोड़ाई शुरू हो गयी हैं. तेंदू पत्ता तोड़ने वाले मजदूरों के लिए यह महीने बड़ा रोजगार देने वाला होता है. अप्रैल, मई व जून की लहकती धूप में तेंदू पत्ता तोड़ कर मजदूर एक बड़ा रोजगार पा जाते  हैं. सरकार की तरफ से पानी पीने के लिए पानी झोला व गुड़ देने का प्रवधान  रहता  है लेकिन आज इस कोरोना संक्रमण के बीच भी उनको नहीं मिल रहा हैं .पत्ता संग्रहण अभियान में मजदूर सुबह जंगलों की ओर निकल जा रहे है. साथ ही तेज धूप होने के पूर्व पत्ता तोड़ाई कर वापस लौटते है.तोड़ाई किए गये पत्तों को अपने ही घर सुखाने से लगायत बंडल बनाने के कार्य को अंजाम देने  में जुटे रहते हैं.ताकि तेंदू पत्ते के झाल वन निगम के निर्धारित फड़ पर देकर दाम वसूला जा सके. वन निगम का  पिछली मानक था कि एक गड्डी में पचास बीडी बनाने का पत्ता हो लेकिन आज भी  लिया जा रहा है सत्तर पत्ते की गड्डी. जबकि वही सौ- सौ गड्डी  मुफ्त में लेकर इनका शोषण किया जाता है.
स्वराज अभियान व मजदूर किसान मंच के जिला प्रभारी अजय राय ने कहा तेंदू पत्ता मजदूरों को  तेंदू पत्ता तोड़ाई करने वाले मजदूरों को मंहगाई के हिसाब से मजदरी और तुंरत उनकी मजदरी का नगदी भुगतान की मांग उठाई हैं. तथा  अन्य आवश्यक सुविधाएं देने की मांग की है.