◆सरकारी गेंहू की खरीद में सुस्ती को लेकर अन्नदाता चिंतित हैं. कुछ क्रय केन्द्र केवल शोपीस बनें हुए हैं. कहीं बोरे की कमी तो, कहीं गेंहू खराब होने का नाटक शुरू है. प्रदेश सरकार ने किसानों को गेंहू का उचित दाम देने का निर्देश दे रखा है जबकि जनपद में क्रय केंद्र प्रभारी मोटी कमाई में जुटे हैं. भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा क्रय केंद्रों के लिए बनाए गए ब्लॉक प्रभारियों की सुस्ती भी किसानों को खल रही है. किसान मंच के नेता अजय राय ने अव्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त की है ◆
चन्दौली, Purvanchal News Print : किसानों की शत शत-प्रतिशत गेंहू खरीद व उनको हर प्रकार के शोषण से मुक्ति दिलाने का सरकार का दावा की कलई अब खुलती जा रही है. जब क्रय केन्द्र की संख्या भी पिछले बार से घटा दिया गया, ऐसे में जगह -जगह क्रय केंद्रों पर बोरा आदि सुविधाओं की कमी बनी हुई है. जहाँ पिछले साल गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 1840 रू प्रति क्विंटल का दर था तो इस साल मामूली बढ़त मात्र 85 रू करके 1925 रू प्रति क्विंटल कर दिया गया है. गेंहूँ खरीद की लक्ष्य चन्दौली जनपद में 79 एमटी था तो इस साल भी सरकारी गेंहू खरीद का लक्ष्य 79 हजार एमटी ही हैं. लेकिन गेंहू की खरीद बहुत सुस्त रफ्तार से चल रहीं है. गेंहू की खरीद हुए पन्द्रह दिन से ऊपर दिन बीत जाने के बाद भी तकरीबन पांच हजार एमटी की गेंहू की खरीद हो पायी है. इस गेंहू खरीद की सुस्त रफ्तार को लेकर चन्दौली के अन्नदाता चिंता में हैं. कई एजेंसियों के द्वारा खोलें गये 64 क्रय केंद्र में कुछ तो केवल शोपीस हैं. जगह,-जगह क्रय केन्दों पर किसानों से गेंहू खरीद में पारदर्शिता का अभाव भी दिख रहा है. स्वराज अभियान के नेता अजय राय ने कई किसानों से क्रय केन्द्र पर गेंहू खरीद की सरकारी स्थिति की जानकारी लेने के बाद आरोप लगाया कि
उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्र पर टोकन सिस्टम की अनदेखी की जा रहीं है. पटपरा के किसान अक्षयवर सिंह, सोनु सिंह, टुनटुन सिंह, खखड़ा के अवध नारायण सिंह, पिंटू सिंह को यूपी एग्रो के द्वारा टोकन सिस्टम की अनदेखी कर इन किसानों की गेंहू की खरीद न कर दूसरे लोगों की गेंहू खरीद किया गया. वहीं कलानी के अशोक दूबे की भी टोकन सिस्टम के तहत 24-4-2020 को गेंहू खरीद करना था लेकिन उनके साथ कई दिनों तक क्रय केन्द्र प्रभारी द्वारा टालमटोल किया गया और अंत में बोरा का अभाव दिखाकर कई दिनों तक टरका दिया गया. वहीं दूसरे लोगों की खरीद की गयी, जो नियमों की अनदेखी कर क्रय केंद्रों पर लाया गया था. किसान विकास मंच के नेता रामअवध सिंह ने भी कई क्रय केन्द्र का दौरे कर जांच रिपोर्ट जारी किए और क्रय केंद्रों पर दलालों के सक्रिय होने के आरोप लगाए हैं.
मजदूर किसान मंच के नेता ने कहा कि गेहूं खरीद शुरू हो जाने से किसानों के बीच एक उम्मीद जागी थी लेकिन क्रय केन्द्र पर खुलेआम मनमानी दिखाई देना शुरू हो चुकी है. कई क्रय केंद्र प्रभारी गलत ढंग से किसानों का शोषण कर रहे है. 50. 850kg का तौल ले रहे हैं जो कि यह गलत है. एक बोरिया का वेट 500 ग्राम होता है तो 50 किलो 500 ग्राम का तौल होना चाहिए दूसरे प्रदेशों में 50 किलो 500 ग्राम का भरती हो रहा है.जनपद के जिम्मेदार अधिकरियों का कहना हैं किसानों का गेहूं 50 किलो 500 तौल किया जायेगा वहीं ₹20 प्रति कुंटल पल्लेदारी होगा लेकिन कई क्रय केन्द्र पर मनमाना नियम कानून चल रहा है. यहां ₹35 प्रति कुंटल पलेदारी ऊपर से सुतरी सुजा का पैसा किसानों से वसूला जा रहा है.जहां जनपद के आला अधिकारी कोरोना संक्रमण में परेशान हैं वही क्रय केन्द्र प्रभारी मनमानी करके कमाई में जुटे हैं. लगभग हर क्रय केन्द्र पर बोरा नहीं है अथवा रखने की जगह नहीं है. खखड़ा गांव के अवध नारायण सिंह का गेंहू खराब हैं कहते हुए प्रभारी ने लेने से मना कर दिया.
जनपद के किसानों का आरोप है एक पखवाड़ा हो जाने के बाद भी क्रय केन्द्र पर किसानों के द्वारा विक्रय किए गेंहू का दाम नहीं मिल पाया हैं.
स्वराज अभियान के नेता अजय राय ने जिला रसद व विपणन अधिकारी को पत्र लिखकर किसानों की समस्या को हल करने की मांग की है.