प्रवासी मजदूरों की निःशुल्क घर वापसी व अन्य मांगो को लेकर पूरे जनपद में भाकपा माले ने दिया एक दिवसीय धरना

प्रवासी मजदूरों की निःशुल्क घर वापसी व अन्य मांगो को लेकर पूरे जनपद में भाकपा माले ने दिया एक दिवसीय धरना


इलिया (चन्दौली), रिपोर्ट उमाशंकर कुशवाहा: भाकपा (माले) के राज्यव्यापी आह्वान पर प्रवासी मजदूरों से घर वापसी के लिए रेलवे द्वारा किराया वसूलने के फैसले का प्रतिवाद, योगी सरकार द्वारा  श्रम कानूनों को तीन साल तक स्थगित करने के लिए जारी किए गए अध्यादेश को वापस लेने, सभी मजदूरों को ₹10000 राहत भत्ता दिए जाने, दुग्ध सब्जी,फल उत्पादक सहित तमाम किसानों की लॉक डाउन के दौरान हुई क्षति की भरपाई  के लिए पीएम केयर फंड से मुआवजा दिए जाने,सभी प्रवासी मजदूरों को घर लौटने की इजाजत दिए जाने, बिना राशन कार्ड सहित सभी गरीबों को निःशुल्क राशन की गारंटी किए जाने,सभी पंचायतों के सभी मजदूरों को मनरेगा के तहत 200 दिन काम तथा 500 रुपये दैनिक मजदूरी दिए जाने की मांग को लेकर लॉकडाउन नियमों का पालन करते हुए पूरे जिले में पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने गांवों में एक दिवसीय धरना दिया. माले जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान ने अपने गृह ग्राम उसरी में अपने दरवाजे पर धरना देते हुए कहा कि गृह मंत्रालय के ताजा आदेश का भी हम विरोध करते हैं. जिसमें कहा गया है कि घर वापस जाने की मांग करने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को लौटने की इजाजत नहीं दी जाएगी, बल्कि इजाजत सिर्फ उन्हें मिलेगी जो लॉकडाउन शुरू होने से पहले चल पड़े थे. और मनाही वाले आदेशों के लागू होने के कारण रास्ते मे फंस गए थे. रेल मंत्रालय का मजदूरों से किराया लेने वाला आदेश जहां आमानवीय है, वहीं गृह मंत्रालय का मजदूरों की घर वापसी पर एक तरह से पाबंदी लगाने वाला आदेश हास्यास्पद है.
माले नेता ने कहा कि लॉकडाउन के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस का दमन बढ़ गया है. किसानों के उत्पादन के अन्न कक खरीद की कोई व्यवस्था नहीं है. सब्जी और दूध उत्पादक किसान तबाह हो गये हैं. कोटेदार मनमानी कर रहे हैं. जिनके पास राशन कार्ड/आधार कार्ड नहीं है, उन्हें राशन नहीं मिल रहा है. गांवों में ऐसे परिवार फांका-कशी कर रहे हैं. मनरेगा के तहत कुछ जगहों पर तो काम शुरू हुआ है किंतु बहुत जगहों पर अभी भी काम नहीं मिल पा रहा है. मनरेगा में भ्रष्टाचार इस कदर है कि जहां जागरूक मजदूर लिखित काम मांग रहे हैं उनको अलगाव में डालकर पुलिसिया उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है.
 धरने पर लॉकडाउन का पालन करते हुए कामरेड अनिल पासवान के साथ श्याम लाल पाल, कलावती देवी,मंजू देवी, चारू पासवान बैठे थे.