◆वैश्विक महामारी से तबाह व बदहाल राज्यों पर ही जवाबदेही डालना उचित नहीं. भूख से जूझ रहें मजदूरों से रेलवे का टिकट खरीदने के लिए बाध्य करना अमानवीय ही कहा जायेगा.◆
चन्दौली, Purvanchal News Print: भूखे, आश्रयहीन और फसें मजदूरों से रेलवे टिकट का पैसा वसूली करना अमानवीय व आपराधिक कृत्य हैं. प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन में मुफ्त में वापस लाने की जरूरत है. ये अब चौतरफा उठने लगी है. स्वराज अभियान के नेता व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कहा कि वैश्विक महामारी से तबाह व बदहाल राज्यों पर प्रवासी श्रमिकों को लाने की जवाबदेही डाल कर मोदी सरकार अपनी जवावदेही से बच नहीं सकतीं है. सरकारों के द्वारा सही निर्णय और सही तैयारी नहीं करने से मजदूरों की बहुत हालत खराब हैं. भूख से जूझ रहें मजदूरों से रेलवे का टिकट खरीदने के लिए बाध्य करना अमानवीय ही कहा जायेगा. मजदूरों समेत अन्य लोगों के घर वापसी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. क्योंकि रेलवे केन्द्र सरकार के जिम्मे हैं. उनको स्पेशल ट्रेनों द्वारा मुफ्त व सकुशल वापस लाने का आदेश जारी करना चाहिए. केन्द्र सरकार को एक आधुनिक तकनीक सम्पन्न राष्ट्रीय कंट्रोल रूम बनाकर प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए राज्यों के बीच समन्वय का काम करना पड़ेगा. वहीं उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य द्वारा हेल्पलाइन जारी हैं उस पर फोन कॉल नही जा नहीं जा रही है. कई राज्यों के मजदूर जो जगह-जगह पर फंसे हुए हैं, उनके द्वारा यह कहा जा रहा हैं कि रेलवे टिकट का पैसा जमा करना है. यह जानने के बाद कई मजदूर अपना वापसी के लिए पंजीकरण नहीं करा रहे हैं. क्योंकि उनके पास पैसा नहीं है. और उनको डर है कि पैसा न देने पर बीच रास्ते में ट्रेन से उतार दिया जाएगा. जगह- जगह कई राज्यों में फसें श्रमिकों के द्वारा अपने हालात व परेशनियाँ का जो फोन व विडियो जारी कर बयान किया जा रहा है. वह बहुत ही असहनीय व दर्दनाक है.
मोदी सरकार को श्रमिकों को वापस लाने की जवाबदेही लेनी पड़ेंगी