दुर्गावती/कैमूर ,रिपोर्ट संजय मल्होत्रा: दुर्गावती थाना क्षेत्र अंतर्गत यूपी बिहार बॉर्डर खजुरा गांव के सामने मुस्लिम प्रवासी मजदूर दिल्ली के फरीदाबाद से ट्रक रिजर्व कर यूपी बिहार बॉर्डर पर पहुंचे जहां पर साल भर का पर्व ईद का नमाज़ नहीं पढ़ सके.
और बीच रास्ते में भी कहीं भी उनको जगह नहीं मिल पाया कि ताकि वे नमाज अदा कर सके. यहां बिहार बॉर्डर पर पहुंचने के बाद थर्मल स्कैनिंग कराने के लिए लाइन में खड़े हो गए. प्रवासी मुस्लिम समुदाय के इतिहास का पहला वर्ष 2020 में लॉक डाउन होने के कारण साल भर का पर्व ईद नहीं मना पाए.
देशभर में लॉक डाउन की स्थिति बनी हुई है. जहां मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे से गले नहीं मिल सके और बीच रास्ते में फंसे प्रवासी मजदूर कहीं नमाज अदा नहीं कर पाए.
क्या कहते हैं प्रवासी मजदूर आसिफ अली, परवेज़ अलम, कुतुबुद्दीन अली,असलम अली आदि लोगों ने अपनी दर्द भरी दास्तां बयां करते हुए बताया कि हम लोग फरीदाबाद के लखानी शूज कंपनी में काम करते थे जहां लॉक डाउन होने के कारण फरीदाबाद शहर में घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था. चौक से सब्जी लाने जाते वक्त भी वहां की पुलिस डंडा मारती थी. हम लोग वहां से जान बचाकर रात में भागे और पैदल 20 किलोमीटर पहुंचने के बाद एक ट्रक चालक अफताब खान से अपनी आपबीती सुनाई तो उन्होंने ट्रक से तीसरे दिन यूपी बिहार बॉर्डर पर पहुंचाया है. यहां से अभी पटना के खगड़िया जिला जाना है. इस बार साल भर का पर्व ईद हम लोगों का किरकिरा हो गया है. लॉक डाउन में हम लोग अल्लाह से दुआ करते हैं कि बहुत जल्द अपने घर परिवार में चले जाएं.