दुर्गावती/कैमूर: रिपोर्ट- संजय मल्होत्रा: दुर्गावती थाना क्षेत्र अंतर्गत यूपी-बिहार बॉर्डर सीमा सरहद खजुरा गांव के समीप शनिवार को प्रवासी मजदूर चिलचिलाती धूप में खड़े होकर रजिस्ट्रेशन कराते नजर आए. कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को लेकर पूरे देश में लाक डाउन का चौथा चरण चल रहा है.
जहां प्रवासी मजदूर सैकड़ों की संख्या में यूपी-बिहार सीमा में पहुंच रहे हैं.
और चिलचिलाती धूप में खड़े होकर प्रवासी मजदूर थर्मल स्क्रीनिंग कराने को विवश हैं. घर जाने की लालसा चिलचिलाती धूप को भी ठोकर मार दे रही है. थर्मल स्क्रीनिंग
कराने के बाद रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दूसरी लंबी लाइन लगाना पड़ रहा है.
उसके बाद रेलवे पास के लिए तीसरी लाइन लगाना पड़ रहा है. विदित हो कि रेलवे ट्रेन चलाए जाने से प्रवासी मजदूरों का जनसंख्या कम हुआ है.
जहां लॉक डाउन के दूसरे चरण और तीसरे चरण में हजारों हजार की संख्या में प्रवासी मजदूरों का जन सैलाब उमड़ रहा था.
वही लॉक डाउन के चौथे चरण में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर देखे जा रहे हैं
क्या कहते हैं प्रवासी मजदूर
रितेश पांडे दिलीप पांडे मुंशी पांडे कपिल ऋषि देव , सूरत ऋषि देव , आदि लोगों से पूछे जाने पर बताया कि मुंबई में साड़ी बिनाई का कार्य करते थे. हम लोगों को पटना के खगड़िया जिला में जाना है.
मुंबई से ट्रक रिजर्व कर यूपी बिहार बॉर्डर पर हम लोग पहुंचे हैं भारत में लाक डाउन होने के बाद कंपनी मालिक कंपनी से सभी को निकाल दिया थ.
और जिस किराए के मकान में रह रहे थे.वह मकान मालिक भी भगाने लगा था। मकान मालिक को भगाने का वजह यह था.
अचानक लॉक डाउन के पहले चरण में ही कंपनी हम लोगों को बाहर निकाल दिया था.
उसके बाद जो भी पैसे कौड़ी थे उसको हम लोग बैठकर खाए और कुछ किराना दुकान का उधार दिए. पैसे सब खत्म हो चुका था.
मकान मालिक पैसे के लिए दबाव बना रहा था और कह रहा था , पैसा दो नहीं तो मकान खाली कर जल्दी यहां से भाग जाओ. हम लोग किसी तरह अपने घर को वापस लौट रहे हैं. यहां आने के बाद चिलचिलाती धूप में घंटों खड़ा होना पड़ा तब जाकर रजिस्ट्रेशन के बाद रेलवे का पास मिल पाया है.