Purvanchal News Print संभल/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों और गरीबों को रोजगार देने की गरज से गांवों में कराए जा रहे मनरेगा के काम अब अपराध को भी जन्म देने लगे हैं. खबर आ रही कि इस कार्य में राजनीति भी शुरू हो गई है
पूर्व में जिन कार्यो को लेकर विवाद रहा है उन जगहों पर भी काम करने की जिद की जा रही है. वैसे ही कोरोना संक्रमण के दौरान भी यूपी में अपराध का ग्राफ कम नहीं हुआ है. जहां कोरोना ने चारों तरफ लॉक डाउन में हर कार्य में ताला लटका दिया है वहीं आवश्यक नियमों का पालन भी किया जा रहा है. जबकि अपराधी अपने लक्ष्य को अंजाम देने में बराबर लगे हुए हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह संभल जिले के बहजोई थाना क्षेत्र में मनरेगा फंड से कराए जा रहे सड़क निर्माण में विवाद के चलते अपराधियों ने ग्राम प्रधान पति व समाजवादी पार्टी नेता व उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना की सूचना पाकर पहुंचे पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं वहीं पूरे इलाके में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छोटे लाल दिवाकर मंगलवार की सुबह सूरज निकलते ही गांव के बाहर बनाई जा रही मनरेगा सड़क को देखने पहुंचे तब वही गांव की कुछ दबंग किस्म की भी मौके पर पहुंच गए. वे उन्हें आगे अपना खेत होने का हवाला देते हुए सड़क निर्माण ना कराने का की बातें रखी. जिसे लेकर दोनों एक ओर से कहासुनी शुरू हो गई . तभी हमलावर अपना आपा खो बैठे और राइफल से दोनों बाप बेटे को गोली मार दी. ग्राम प्रधान पति मौके पर ही दम तोड़ दिए और उनके बेटे वहां से जान बचाकर भागा लेकिन हमलावर ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया और उसे भी गोलियों से उड़ा दिया. ग्राम प्रधान पति व सपा नेता छोटेलाल दिवाकर को समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में चंदौसी से अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन बाद में यह सीट गठबंधन खाते में कांग्रेस के पास चली गई थी. इसके बाद छोटे लाल दिवाकर को चंदौसी विधानसभा समाजवादी पार्टी का प्रभारी बना दिया गया. पता चला है कि घटना के घंटों बीत जाने के बाद भी हमलावर पुलिस की पकड़ से काफी दूर है, हालांकि पुलिस ने दावा किया है कि हमलावर जल्द ही पकड़ लिए जाएंगे. इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं व अन्य ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है.