Purvanchal News Print, लखनऊ: मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस घोषणा पर कि साल भर नई भर्ती व नया निर्माण कार्य नहीं होगा , इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वराज अभियान के नेता व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कहा कि कोरोना संकट के दौर में भी जनता के हितों की कुर्बानी देकर कारपोरेट घरानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता ही दर्शाया जा रहा है.. ताकि मुनाफाखोरी व लूट पहले की तरह ही जारी रह सके.
उन्होंने आगे कहा कि यह निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि मोदी सरकार कोराना महामारी से निपटने में बुरी तरह से अक्षम साबित हुई है. इनकी नीतियों का दुष्परिणाम है कि प्रवासी मजदूरों को अपार यातनाओं झेलना पड़ रहा है और उन्हें ही दोषी ठहरा कर बर्बरता की जा रही है. लॉकडाऊन में मजदूरों के लिए 21 लाख रोजगार देने का ढिंढोरा पीटने वाली योगी सरकार ने सभी नई भर्तियों पर रोक लगा दी है. पहले से ही भर्तियों पर लगी अघोषित रोक पर बस औपचारिक ऐलान कर दिया गया. कहा- बहुचर्चित और विवादित 68500, 69000 शिक्षक भर्तियों के विज्ञापन तो योगी सरकार की देन नहीं है, यह तो शिक्षा मित्रों की बर्खास्तगी के स्थान पर भर्ती हो रही है. इसके अलावा शिक्षक भर्ती का एक भी नया विज्ञापन नहीं आया, कमोवेश अधीनस्थ आयोग में भी इसी तरह का हाल है.
लेकिन भयावह होती जा रही बेरोजगारी के संकट के बावजूद युवाओं में जो अर्थनीति और राजनीति इसके लिए जिम्मेवार है उस पर सार्थक बहस नहीं हो पा रही है. पूरा आंदोलन विज्ञापन और भर्ती प्रक्रिया के विवादों तक सीमित रहता है. जिसका परिणाम यह होता है कि सरकार पर कोई दबाव नहीं बन पाता है. आज जरूरत रोजगार खत्म करने वाली अर्थनीति को बदलने के लिए सरकार को बाध्य करने की है. दरअसल आज राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर समग्रता में विचार विमर्श व आंदोलन संचालित करने की जरूरत है. सरकार ने साल भर के लिए नयें निर्माण कार्य करने पर भी रोक लगा दिया हैं जिसके कारण नगर, गाँव के विकास के लिए कोई धन नहीं आयेगा जिसके परिणामस्वरूप नगर और गाँव का विकास रूक जायेगा यह सरकार लगातार ऐसी जनविरोधी विकास विरोधी फैसले ले रहीं है.
जिसके कारण जनमानस को नुकसान होगा. इसलिए हमको सचेत रहना होगा और राजनैतिक प्रतिवाद दर्ज कराने के लिए आगे आना पड़ेगा.