Purvanchal News Print, लखनऊ:वैश्विक महामारी के समय प्रवासी मजदूरों के जीवन के साथ खेलवाड़ कर रहीं हैं सरकारें आज देश भर के मजदूरों के बीच अफरातफरी मचा हैं. हजारों किलोमीटर पैदल चल कर गाँव की तरफ आ रहें हैं मजदूर सरकार के तरफ से कोई समुचित व्यवस्था नहीं मिल पा रहा हैं. सरकार की कार्यवाही से लगता हैं कि यह सरकार कन्फ्यूज हैं करना क्या हैं.यह समझ ही नहीं पा रहीं हैं. आत्मनिर्भरता का नारा देकर देश को प्राइवेटेशन की तरफ ले जा रहीं हैं. लोकल को वोकल बनाना है कहकर देश रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में भी विदेशी निवेश की सीमा 49% से बढ़ाकर 74 % कर दिया हैं भारी भरकम पैकेज में भी किसानों, प्रवासी मजदूरों को छला गया हैं. कारपोरेट घरानों को रियायत व अन्य को कर्ज का लालीपॉप थमा दिया गया हैं
भूख से जूझ रहें मजदूरों को मात्र पाच किलो राशन के अलावा कुछ नहीं मिला हैं, उल्टे लम्बी लड़ाई लड़ कर पाये लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी हमला किया जा रहा हैं. उक्त बातें आज स्वराज अभियान के नेता व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने अपने पार्टी के वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर द्वारा ईमेल के द्वारा भेजे प्रस्ताव की प्रति जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय प्रस्ताव भेज कर भारत के प्रधानमंत्री जी से कहा कि आज जरूरत है व सरकार को यह विचार करना चाहिए कि सभी प्रवासी मजदूरों को जो घर जाना चाहते है. उनको निःशुल्क घर भेजने की तत्काल व्यवस्था.कोरोना से पीडित सभी मजदूरों और नागरिकों के निःशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था।सभी मजदूरों और गरीबों के लिए राशन और रोजगार की तत्काल प्रभाव से व्यवस्था. सभी मजदूरों के लिए कम से कम पांच हजार रूपए नकद देने की व्यवस्था।घर वापसी के दौर में मृतक हुए और क्षतिग्रस्त हुए सभी प्रवासी मजदूरों को समुचित मुआवजा. सभी प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न पर रोक, आवागमन की सुविधा व अन्य लोकतांत्रिक अधिकारों की गारंटी. श्रम सुधार के नाम पर लाए जा रहे मजदूर विरोधी आदेश, अध्यादेश एवं अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करना.
वर्कर्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रस्ताव के बारे में कहा कि अपने सभी सहयोगियों, सदस्यों और शुभचिंतकों की सलाह और सुझाव के आधार पर बनाएं उपरोक्त प्रस्तावों को तत्काल प्रभाव से लागू करने की केन्द्र सरकार से मांग करता है.