◆औरैया सहित कई क्षेत्रों में प्रवासी मजदूरों की दुर्घटनाओं में हो रहीं मौत विचलित करने वाली है, आश्रित परिवार के लोगों को दस-दस लाख मुआवजा देने की मांग ◆
Purvanchal News Print, चन्दौली: लॉकडाउन घोषित करने के बाद सरकार द्वारा मजदूरों को लगभग उनके हाल पर बेबस व लाचार छोड़ दिया गया,नतीजतन चारों तरफ मजदूरों में अफरातफरी मचा हैं. स्थिति यह हो रहीं हैं की सरकार की सही नीतियां न होने से वैश्विक महामारी कोरोना से ज्यादा मौतें भूख, बिमारी और सड़क दुर्घटना से हो रहीं हैं. आज औरैया सहित कई जगह पर प्रवासी मजदूरों की मौत बहुत ही मन को बिचलित कर दे रहीं हैं. उक्त बातें स्वराज अभियान के नेता व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कही.
उन्होंने कहा कि आज सरकार से लेकर पूरा सिस्टम मजदूरों की समस्या को हल करने, जहाँ रह रहें थे वहा समुचित उनकी व्यवस्था करने या सुरक्षित उनको घर भेजने की जबाबदेही पूरा करने में असफल होने पर मजदूरों को ही दोषी ठहराया रही हैं. यह गलत ही नहीं अमानवीय हैं. आज मजदूर शौक में नही परिवार के साथ हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर पैदल चल कर घर के लिए निकल रहें हैं बल्कि जहाँ रह रहें थे या काम कर रहें थे वहाँ की हालत अमानवीय थी, भूख व बेदखली से जूझ रहें थें. और सरकार की जबाबदेही थी कि उनकी या तो वही समुचित व्यवस्था करती या सुरक्षित घर तक पहुंचाने का काम किया जाता. लेकिन न के बराबर हुआ उल्टे उन मजदूरों को व पहुंचाने वाले को ही दण्डित किया जाने लगा , जो पुरी तरह से गलत हैं. गाँव गाँव में पहुंचे इन मजदूरों की सही जांच व सुरक्षित रख समुचित व्यवस्था देने में लगभग असफल सरकार व प्रशासन हैं. अगर गाँव में वैश्विक महामारी कोरोना फैला तो मजदूरों को ही दोषी ठहराया जायेगा आज गाँव में इन मजदूरों से कई जगह ठकराव व असुरक्षा की स्थिति हैं. मजदूरों को कोरंटीन करने की तमाम सुविधा से वंचित हैं जबकि संकटग्रस्त इन मजदूरों को तमाम सुविधा देकर सुरक्षित रखने की जरूरत हैं. हर जनपद में लगभग सरकारी व गैर सरकारी मेडिकल सुविधा नदारद हैं और आने वाले समय बरसात कई तरह की बीमारियों को लेकर आयेगा लेकिन इस पर भी सरकार की कोई तैयारी नहीं है बच्चों की मौत अगर मेडिकल सुविधा के अभाव में बीमारियों से होगी तो यहाँ मंत्री बोलेंगे की अगस्त व सितम्बर में यह मौत होता ही हैं.
उन्होंने कहा कि केरल को छोड़कर हर जगह का माडल फेल हो चुकी हैं महामारी से लड़ने का माडल केरल ही हैं जिसको हर कोई आशा के साथ देख रहा हैं. हमारे लिए असली योद्धा यहीं मजदूर हैं तो तमाम कष्टों से जूझते हुए गाँव आ रहें हैं. उनको जांच कर सुरक्षित रखा जाए उनके साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जाए. वही औरैया में दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का ज़िम्मेवार सरकारें अपनी गलत नीतियों को ठीक करे और पुनः हम दुर्घटना में मारे गए प्रवासी मजदूरों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ .और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं और सरकार से उनके आश्रितों की दस दस लाख मुआवजा की मांग की है.