Breaking News:, पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कोरोना संकट के लिए भाजपा को दोषी ठहराया, सकलडीहा में शशिकांत के घर पहुंच शोक संतप्त परिवार के प्रति व्यक्त की संवेदना

Breaking News:, पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कोरोना संकट के लिए भाजपा को दोषी ठहराया, सकलडीहा में शशिकांत के घर पहुंच शोक संतप्त परिवार के प्रति व्यक्त की संवेदना

  Purvanvchal News Print                        चन्दौली: शनिवार को सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर सकलडीहा में आये थे, वे पिछले दिनों निधन हुए भाजपा नेता शशिकांत राजभर के घर दोदौली पहुंचे और जहां वे शशिकांत राजभर के शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की तथा श्रद्धांजलि अर्पित किया.  उहोंने कहा कि शशिकांत राजभर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समाज के लिए बराबर काम करते थे. वे कभी भी राजभर समाज का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया. उनके संघर्ष को यह समाज कभी भी भुला नहीं सकता हैं.                                       इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से आज जो सभी के सामने मुसीबतें खड़ी हुई है, यह केंद्र की मोदी व योगी सरकार की नाकामी की वजह से हुई है. उन्होंने कहा कि देश के केरल में जनवरी माह में ही कोरोना की बीमारी का मामला सामने आ गया था  बावजूद मोदी सरकार गंभीर नहीं हुई और लोग देश-विदेश हवाई जहाज से सफर करते रहे.                                  श्री राजभर ने आगे कहा लॉक डाउन की घोषणा के पूर्व 10-15 दिन की चेतावनी दे देना चाहिए था, जब सरकार के पास जनवरी व फरवरी का पूरा महीना बचा हुआ था लेकिन सरकार इस दौरान मध्यप्रदेश हो या अन्य जगहों पर अपनी सत्ता की गोटी बैठाने का काम कर रही थी. उन्हें कोरोना से आने वाले संकट के बजाय कैसे सत्ता हासिल किया जाए उस पर नजर गड़ी हुई थी. उन्होंने कोरोना महामारी के फैलने के लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार  व यूपी की योगी सरकार को दोषी ठहराए. उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री अधिकारियों के भरोसे सरकार चला रहे हैं. जनपदों में आईएएस को जनपदों में नोडल अधिकारी बनाकर भेज दिया, जिन्हें कोई जानकारी ही नहीं है.                                                                वे अपना मोबाइल नम्बर फॉरवर्ड कर आराम-फरमा रहे हैं. आगे कहा कि योगी विपक्षी नेताओँ से राय बातचीत करनी चाहिए थी उनके साथ बैठक  करके रणनीति बनाने की आवश्यकता थी लेकिनऐसा नहीं किया गया.अगर विधायकों के पैसे से ट्रेन का किराया चुकता करके मजदूरों को बुला लेते तो , जगह-जगह सड़क दुर्घटनाओं में प्रवासी मजदूरों की मौत नहीं होती. उन्होंने सरकार द्वारा की जा रही अस्पतालों व क्वारन्टीन सेन्टरों पर भी सवाल खड़ा किया.                                   स्वास्थ्य विभाग व पुलिस दिन रात मेहनत करके कोरोना को रोकने में जुटे हुए थे, मगर सरकार को राजस्व बढ़ाने की चिंता थी और उसने शराब की दुकानें खोलकर उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया.जब से सरकार ने शराब की दुकानें खोली हैं, तब से कोरोना मरीज दोगुने हो गए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री पर भी हमला बोला ,कहा- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप आये, लाखों  लोगो के साथ नमस्ते कार्यक्रम हुआ, इस दौरान भी विदेशों में कोरोना बीमारी से लोग मरने लगे थे.                            फिर भी हम सतर्क नहीं हुए. उन्होंने कहा कि अगर सरकारें गरीबों व मध्यम वर्ग की मदद करना चाहती है तो सभी एक परिवार को एक- एक करोड़ रुपये दे दे, वे खुद अपनी व्यवस्था दुरुस्त कर लेंगे. सरकार का ज्यादा खर्च भी नहीं होगा और उनका काम भी हो जाएगा.