Purvanchal News Print, सकलडीहा (चन्दौली): जनपद में एक विभाग है, उसका नाम है खाद्य रशद आपूर्ति विभाग .इस विभाग की कोरोना संकट में भी शिकायतें आम हो गई हैं. अजीब हाल तो यह है कि हर रोज शिकायत सामने आने के बाद भी आला अफसर एक्शन में नहीं आते हैं. जनपद में कहीं राशन कार्ड नहीं बनने की शिकायत तो कभी खाद्यान नहीं देनी के आरोप लगते रहता हैं. इससे भी अगर बच गया तो राशन में कटौती व अधिक दाम वसूलने के आरोप सामने आ जाते हैं. पूर्ति विभाग और कोटेदारों की लापरवाही से दर्जनों गांवों में कार्ड धारकों का यूनिट कट गया है. लॉक डाउन के दौरान राशन न मिलने से बलुआ ,बहरवानी,जमुरखा, मधुबन गांव के गरीब और मजदूर सुबह से शाम तक परेशान हैं. बुधवार को बुलाकर भी अधिकारी और कर्मचारियों के नदारद रहने पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित ग्रामीणों ने पूर्ति कार्यालय पर विभागीय अधिकारियों के खिलाफ जमकर आक्रोश जताया. उधर विभागीय अधिकारियों ने एसडीएम कार्यालय में आवेदन जमा करने की बात कही.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बीते डेढ़ माह से बलुआ,बहरवानी,जमुरखा, मधुबन गांव के गरीब लॉक डाउन में खाद्यान के लिये कोटेदार और कार्यालय का चक्कर काट रहे है. कोटेदार और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रत्येक कार्ड धारकों का कई यूनिट कट गया है. कईयों का राशन कार्ड तक नही बना है. शिकायत के बाद विभागीय अधिकारियों ने कार्यालय पर फार्म भरकर जमा करने के लिये बुलाया था. दोपहर बारह बजे तक कोई अधिकारी के नही पहुंचने पर हंगामा करने लगे. अधिकारियों ने फोन पर समस्या का समाधान करने का आश्वासन देकर शांत कराया. इस बावत पूर्ति निरीक्षक अमित द्विवेदी ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप को लेकर बलुआ थाना में मिटिंग होने के कारण कार्यालय नही पहुंच पाया हूं, सारे आवेदन एसडीएम कार्यालय में जमा करने को बताया गया. इस मौके पर विरोध करने वाले श्याम बिहारी, कमलेश यादव,बंसत, सुषमा देवी, बृजेश, अरविंद, ममता, उमेश, प्रियांशु खरवार, अभय यादव आदि मौजूद रहे.