बड़ी खबर: जॉब कार्ड पर हाजिरी चढ़ाने का निर्देश दें योगी सरकार: अजय राय

बड़ी खबर: जॉब कार्ड पर हाजिरी चढ़ाने का निर्देश दें योगी सरकार: अजय राय



◆ मजदूर किसान मंच ने भेजा मुख्यमंत्री को पत्र, लिखा अपना दर्द

◆साल भर में दो सौ दिन काम और समयबद्ध मजदूरी की उठाई मांग


 चन्दौली/ लखनऊ:  मनरेगा के प्रावधानों के अनुसार कार्यरत हर मजदूर को जॉब कार्ड देने और ज जॉबकार्ड पर प्रतिदिन हाजरी लगाने के लिए स्पष्ट आदेश की मांग मजदूर किसान मंच ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्रक में किया है. इसके अलावा हर हाल में मनरेगा में मजदूरों को समयबद्ध मजदूरी और सालभर काम देने और इसका विस्तार शहरी क्षेत्रों के लिए भी करने, हर प्रवासी मजदूर को अभियान चलाकर सरकार द्वारा घोषित एक हजार रूपए व राशन किट देने, कोविड़-19 के जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट बड़े पैमाने पर कराने और विशेषकर हर प्रवासी मजदूर की कोविड़-19 जांच सुनिश्चित करने, चंदौली जैसे अति- पिछडे़ इलाकों में वाटरशेड़ कार्यक्रम के तहत बड़े पैमाने पर तालाब, कुओं, बाऊली, चेकडैम, बांध आदि मनरेगा के तहत बनाने और सरकारी व निजी अस्पतालों में बहिरंग व अंतरंग रोगी विभाग खोलने की तत्काल अनुमति देने की मांग किया है.

योगी सरकार को भेजे पत्रक के बारे में जानकारी देते हुए मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कहा कि सरकार लगातार प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार देने की घोषणा कर रही है. सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने गांव में बड़े पैमाने पर मनरेगा के तहत कार्यों को प्रारम्भ कर दिया है.               इस सम्बंध में मजदूर किसान मंच ने प्रदेश के चन्दौली जनपद की गांव स्तर पर जांच करायी है, जिसमें जो तथ्य सामने आए है वह बेहद दुखद है. सिर्फ एक जिला चन्दौली जनपद में कराये गए जांच रिपोर्ट के अनुसार मनरेगा के तहत हो रहे कामों में कार्यरत श्रमिकों की हाजरी जाबकार्ड पर दर्ज नहीं की जा रही है. कई श्रमिकों के पास तो जाबकार्ड तक नहीं है. जिनके पास है उसे  ग्रामस्तरीय अधिकारियों ने अपने पास रखा हुआ है.                             हफ्तों काम करने के बावजूद मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. जिन मजदूरों को भुगतान किया भी गया उनको किए गए काम के सापेक्ष कम मजदूरी दी गयी है.अभी भी बड़ी संख्या में रोजगार चाहने वाले मजदूर है, पर उनको रोजगार उपलब्ध नहीं हो सका है. यहीं नहीं प्रवासी मजदूर जिनके परिवार के सामने जिंदा रहने का ही संकट हो गया है. उन्हें भी रोजगार नहीं मिल रहा है. 

     "मजदूर किसान मंच के पत्रक में कहा गया कि यही नहीं देश के सर्वाधिक पिछड़े जनपद चन्दौली में कई तहसील में की गयी जांच में यह बात भी सामने आयी है कि ओलावृष्टि और भारी वर्षा से तबाह हुए किसानों को आज तक एक पैसा मुआवजा नहीं मिला. "                 रोजगार के अभाव में बाहर पलायन कर गए मजदूर भारी संख्या में गांव वापस लौटे है. "           इन श्रमिकों के लिए सरकार ने कहा कि एक हजार रूपए और बारह सौ पचास रूपए का पंद्रह दिनों का राशन किट दिया जायेगा लेकिन अभी तक मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिला रहा है. यहां बाहर से आए मजदूरों से संक्रमण फैलने का खतरा है लेकिन इनकी कोरोना जांच तक नहीं की गयी और महज थर्मल स्कैनिंग करके छोड़ दिया गया है."                                ऐसी स्थिति में यदि चन्दौली में सामाजिक स्तर पर संक्रमण फैल गया तो लोग बेमौत मरने के लिए अभिशप्त होंगे. हालत इतनी बुरी है कि चन्दौली में सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी/आईपीडी तक बंद कर दी गयी है. इन स्थितियों में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील की गयी है.