चन्दौली में अखबार के संपादक परिवार को जान से मारने की धमकी, शिकायत के बाद भी पुलिसिया कार्रवाई नहीं
Harvansh Patel6/05/2020 01:31:00 pm
चन्दौली/लखनऊ : पूर्वी उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के चंदौली जनपद में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. मुगलसराय कोतवाली के नई बस्ती निवासी एक साप्ताहिक अखबार के संस्थापक व संपादक ने खुद व अपने परिवार को जानमाल का खतरा बताया है. " उन्होंने इसकी लिखित जानकारी मुगलसराय कोतवाल को दे दी है. इस मामले में एक सप्ताह बीतने के बावजूद पुलिस ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है. संपादक व उनका परिवार दहशत में जीने को मजबूर है. जबकि वह कैंसर से भी पीड़ित हैं. हालांकि, अभी आर्थिक तंगी की वजह से उनका अखबार बंद चल रहा है."
आश्चर्यजनक पहलू तो यह है कि मुगलसराय कोतवाली में एक सप्ताह बीतने के बावजूद अखबार के संपादक कमालुद्दीन के शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया. उन्होंने मुगलसराय कोतवाली में 27 मई को एक प्रार्थना पत्र देकर अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई थी. इनका कहना कि वह अपने घर के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा रखा है. "पड़ोस में कुछ ऐसे लोग रहते हैं जिनकी गतिविधियां काफी संदिग्ध है. वह सीसीटीवी कैमरे को हटाने का दबाव डाल रहे हैं. वे चाहते हैं कि वह सीसीटीवी कैमरा हटा लें ऐसा नहीं किए जाने से जान से मारने की धमकी दी जा रही है."
इसके पहले उनके परिवार के साथ गाली गलौज किया गया था. अखबार के संपादक ने बताया कि इस मामले की जानकारी खुद मुगलसराय कोतवाल से भेंट कर दी है. मुगलसराय कोतवाल ने आश्वासन दिया कि इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करेंगे. आज एक सप्ताह बीत चुुका है.अभी तक कोई उचित जांच भी नहीं की गई. न तो कोतवाल ने इस पर आगे बातचीत किया. "उन्होंने बताया कि सारी बातों का उल्लेख करने के साथ मौखिक तौर पर भी कोतवाल मुगलसराय को सब कुछ बता दिया गया है, उस प्रार्थना पर में धमकी देने वालों का नाम भी दर्ज है." बावजूद अभी तक इस मामले में पुलिस खामोश है.उन्होंने पुलिस के इस रवैये पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि शायद मेरा व परिवार की हत्या के बाद ही पुलिस की नींद टूटेगी. उन्होंने इस ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश डीजीपी तथा चन्दौली एसपी का ध्यान आकृष्ट कराया है.