दुर्गावती, रिपोर्ट-संजय मल्होत्रा : यूपी- बिहार बॉर्डर पर खजुरा गांव के समीप कैमूर जिला प्रशासन ने अपना कैम्प तो हटा लिया. लेकिन कचड़ा का अंबार लगा हुआ है. जिससे वैश्विक महामारी फैलने की आशंका जताई जा रही है. बता दें कि लॉक डाउन का दूसरा चरण होने के बाद से ही खजुरा गांव के समीप प्रशासनिक कैंप लगाकर प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन तथा थर्मल स्क्रीनिंग जांच करने के बाद प्रवासियों को प्लास्टिक में भोजन वितरण कराया जा रहा था.
जहां प्रवासी मजदूर भोजन करने के बाद प्लास्टिक को डस्टबिन में नहीं डालते हुए सड़क पर ही इर्द-गिर्द फेंक दिया करते थे.
वहीं दूसरी तरफ मोहनिया नगर पालिका के कुछ कर्मचारियों के द्वारा सड़क पर बिखरे कचड़े को डस्टबिन में उठाकर फेंकना मुनासिब नहीं समझे. यह खजुरा गांव के सामने ही कचड़ा को सड़क किनारे धकेल दिया गया है.
जिस कचरे में स्वास्थ्य विभाग के बॉर्डर पर उपस्थित डॉक्टरों के द्वारा उपयोग किया हुआ मास्क तथा ग्लब्स को भी कचरे के ढेर में देखा जा रहा है.
यही नहीं कुछ प्रवासी मजदूर शौच कर इतना गंदगी फैला दिए हैं कि खजुरा गांव के लोगों को घर से बाहर निकलना दुश्वार हो गया है. कचरे से उठ रही दुर्गंध से तरह-तरह की बीमारी फैलने की आशंका जताई जा रही है.
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत वरीय पदाधिकारियों से लेकर वीडियो से वअंचल पदाधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधियों से की गई थी.
लेकिन अब तक कचरा के ढेर को यहां से हटाया नहीं गया है.
बल्कि शासन- प्रशासन के कैम्प को ही यहां से हटा दिया गया है.
और कचरा को छोड़ दिया गया खजुरा गांव में महामारी फैलने के लिए ग्रामीणों ने जिला अधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है. लोगों का कहना है कि अगर कचरा नहीं हटता है तो बाध्य एवं विवश होकर नेशनल हाईवे सड़क को जाम करना पड़ेगा.