◆ रविदासिया धर्म संगठन अध्यक्ष जनार्दन रविदास ने कहा, "भारत में करोड़ों की जनसंख्या, उचित सम्मान देने का समय" दुर्गावती (कैमूर): रविदास समाज के लोगों द्वारा वर्ष 2021 में होने वाली राष्ट्रीय जनगणना में रविदासिया धर्म का कालम बनाने की मांग प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से किया गया है. अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जनार्दन रविदास ने बताया कि रविदासिया समाज से भारत में करोड़ों लोग निवास करते हैं.
जो अनुसूचित जाति में चमार, राम , दासिया, मोची , जाटव , रेहगर , चर्मकार,आदि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के गौरवपूर्ण अनुयाई हैं. गुरु रविदास जी का जन्म 1377 ई. में सीरगोवर्धनपुर वाराणसी उत्तर प्रदेश में हुआ है.
गुरु रविदास जी के संदेश को गुरुवाणी के रूप में विश्व भर में समाज को आशीर्वाद देने के लिए गुरु रविदास मंदिरों और गुरुद्वारों में अमृतवाणी की पूजा की जाती है.
गुरुजी के सभी अनुयायियों को रविदासिया कहा जाता है. क्योंकि वह रविदासिया धर्म का पालन करते हैं. बता दें कि वर्ष 2011 के अंतिम जनगणना में लाखों रविदासिया समाज ने अन्य कालम में रविदासिया लिखवाया था. इसलिए विनम्रता पूर्वक अनुरोध कर देश के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि आगामी 2021 की होने वाली जनगणना में रविदासिया समाज की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए रविदासिया धर्म के लिए एक अद्वितीय कोड आवंटित हो और जनगणना फार्म में धर्म की जानकारी वाले कॉलम में रविदासिया धर्म शब्द शामिल किया जाए.
जिससे रविदास समाज को अलग से गिना जा सके,जो करोड़ों रविदास समाज को उनकी अपनी पहचान बन सके. साथ ही उन्हें उचित सम्मान मिल सके. रिपोर्ट: संजय मल्होत्रा